फतुहा-इस्लामपुर रेल खंड पर ट्रेन की चपेट में आकर बुजुर्ग की मौत, परिवार में पसरा मातम
पटना। पटना जिले के फतुहा-इस्लामपुर रेल खंड पर मंगलवार की देर शाम एक बेहद दुखद घटना घटी। दनियावां बाजार हॉल्ट के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब बुजुर्ग रेल ट्रैक पार कर रहे थे।
मृतक की पहचान और घटना का विवरण
मृतक की पहचान नालंदा जिले के कराय परशुराय थाना क्षेत्र के गालिमपुर गांव निवासी सोहन पासवान के रूप में की गई है। वे अपने रिश्तेदारों के घर शादी में शामिल होने दनियावां आए थे। बताया जा रहा है कि सोहन पासवान दनियावां स्थित सूर्य मंदिर के पास अपनी चचेरी पोती की शादी में शरीक होने आए थे। शादी के कार्यक्रम के दौरान उन्हें सिर में दर्द की शिकायत हुई। इसके बाद वे अपने पोते के साथ पास के बाजार स्थित मेडिकल स्टोर से दवा लेने निकले। दवा लेने के बाद जब वे वापस लौट रहे थे, तब उन्हें रेल ट्रैक पार करना पड़ा। उसी दौरान हिलसा से फतुहा की ओर जा रही एक पैसेंजर ट्रेन आ गई, जो उन्हें देख नहीं सकी और सोहन पासवान उसकी चपेट में आ गए।
मौके पर ही मौत और परिवार का विलाप
ट्रेन से टकराते ही उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना के समय उनके साथ उनका पोता भी मौजूद था, जिसने घटनास्थल पर ही अपने दादा को पहचान लिया और परिवार को इस घटना की सूचना दी। खबर मिलते ही शादी का जश्न मातम में बदल गया। शादी में मौजूद सभी लोग दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचे। खुशी का माहौल एक पल में शोक में तब्दील हो गया। परिवार के सभी सदस्य गहरे सदमे में हैं और उनके घर पर शोक की लहर छा गई है।
पुलिस की कार्रवाई और शव का पोस्टमार्टम
घटना की जानकारी मिलते ही दनियावां थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा बनाया और फिर पोस्टमार्टम के लिए पटना भेज दिया। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है, ताकि हादसे के कारणों की पुष्टि हो सके।
स्थानीय लोगों में भी शोक
इस हादसे की खबर इलाके में तेजी से फैल गई और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग घटनास्थल पर जुट गए। लोग इस हादसे को लेकर दुख प्रकट कर रहे थे और साथ ही रेल ट्रैक पार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर भी चर्चा हो रही थी। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि रेल ट्रैक पार करते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। थोड़ी सी असावधानी भी जानलेवा साबित हो सकती है। सोहन पासवान की अचानक मौत ने न केवल एक परिवार को दुख के गर्त में डुबो दिया, बल्कि एक खुशी के मौके को भी गम में बदल दिया। रेलवे और प्रशासन को भी चाहिए कि ऐसे स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


