December 3, 2025

सुपौल में होमगार्ड दौड़ की तैयारी कर रहे युवक की मौत, तेज दौड़ने से गई जान

सुपौल। बिहार के सुपौल जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां होमगार्ड बनने का सपना देख रहे एक युवक की दौड़ के दौरान मौत हो गई। यह घटना गुरुवार सुबह की है, जिसने न केवल मृतक के परिवार बल्कि पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया।
दौड़ के दौरान हुआ हादसा
घटना सुपौल नगर परिषद के बीम टोला वार्ड संख्या 27 की है। यहां के निवासी स्वर्गीय महेश्वरी ठाकुर के 30 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार ने हाल ही में बिहार होमगार्ड बहाली प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। चयन की प्रक्रिया में शारीरिक परीक्षा को देखते हुए वह पिछले 15 दिनों से नियमित रूप से एक निजी अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा था और हर दिन सुबह-सुबह आउटडोर स्टेडियम जाकर दौड़ की अभ्यास करता था।
अभ्यास के दौरान बेहोश होकर गिरा
गुरुवार सुबह भी वह अपने तय समय पर स्टेडियम पहुंचा और ग्रुप के साथ दौड़ लगाने लगा। पहले राउंड में वह सामान्य था, लेकिन दूसरे राउंड में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। साथ दौड़ रहे युवकों ने स्थिति को समझते हुए तुरंत उसे अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
परिवार और गांव में पसरा मातम
जब सोनू का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो पूरे मोहल्ले में मातम पसर गया। परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल था। गांव के लोग सोनू को मेहनती और लक्ष्य के प्रति समर्पित युवक के रूप में जानते थे। उसका सपना था कि वह होमगार्ड बनकर देश की सेवा करे और अपने परिवार का सहारा बने। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
स्वास्थ्य जांच की कमी बनी कारण
इस हादसे के बाद एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या शारीरिक परीक्षा की तैयारी से पहले युवाओं की स्वास्थ्य जांच कराई जानी चाहिए। संभव है कि पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या रही हो, जो दौड़ के दौरान गंभीर रूप ले बैठी। ऐसी घटनाएं यह इशारा करती हैं कि किसी भी शारीरिक परीक्षा से पहले उम्मीदवारों की संपूर्ण चिकित्सीय जांच जरूरी है।
सपना अधूरा, लेकिन सबक जरूरी
सोनू का सपना अधूरा रह गया, लेकिन उसकी यह दुखद मौत सभी युवाओं और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। तैयारी के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है। साथ ही प्रशासन को भी चाहिए कि वह चयन प्रक्रिया की शुरुआत से ही स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य बनाए। यह घटना न केवल एक युवक के सपनों का अंत है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सोचने वाली बात भी है कि सफलता की दौड़ में कहीं हम अपने स्वास्थ्य की अनदेखी तो नहीं कर रहे हैं।

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