धनतेरस पर शताब्दी बाद बना दुर्लभ संयोग, ऐसे मिलेगी समृद्धि

धन को तेरह गुना करने का पर्व है धनतेरस : पंडित राकेश झा शास्त्री

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि दीपावली से दो दिन पहले भगवान धन्वंतरि के प्राकट्य दिवस पर धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 25 अक्टूबर दिन शुक्रवार को प्रदोष त्रयोदशी तिथि में मनाया जाएगा। समुद्र मंथन के समय इस धनत्रोयदशी के दिन ही पियूष पानी भगवान धनवंती ने रोगास्थ प्राणियों के लिए अमृत कलश लिए समुद्र से उत्पन्न आयुर्वेद विद्या का प्रसाद किया। भगवान धन्वंतरि ने कठिन तपश्चर्जा, अविरस्थ साधना और गंभीर अन्वेषणापूर्ण अनुभूतिभर धन जो सभी धनों का तेरह गुना ज्यादा है। इसी से इस दिन बर्तन, सोना, चांदी आदि खरीदने की परंपरा है। इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर दिन शुक्रवार को धन की देवी के उत्सव का प्रारंभ हो जाएगा। धनतेरस के दिन जनकल्याण के लिए दो वस्तु आवश्यक है ज्ञान और भोजन। उन्होंने कहा कि धनतेरस के दिन जो जातक ज्ञान व भोजन का दान करता है उसकी अकालमृत्यु से निःसंदेह रक्षा होती है। इस दिन प्रदोषकाल में यम को तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखने से काल- संकट , रोग,शोक, भय, दुर्घटना, मृत्यु से बचा जा सकता है। पंडित झा ने मान्यताओं के हवाले से कहा कि समुद्र मंथन के समय कलश के साथ भगवान धनवंती का अवतरण हुआ उसी प्रतीक में ऐश्वर्य, धन, सौभाग्य, सुख आदि वृद्धि के लिए बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस वर्ष इस दिन प्रदोष व्रत होने से यह और भी उत्तम हो गया है।
100 वर्षों के बाद धनतेरस पर बना महासंयोग
ज्योतिषी झा के मुताबिक धनतेरस अबूझ मुहूर्त है। इसी दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरि की जयंती भी मनाई जाती है। धनतेरस के दिन शुक्रवार दिन एवं शुक्र प्रदोष भी विद्यमान रहेगा। इसीलिए इस दिन शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावे इस दिन ब्रह्म व सिद्धि योग भी बन रहा है। ऐसा महासंयोग शताब्दी वर्षों के बाद दोबारा बन रहा है। इस दिन जो भी शुभ कृत या खरीदारी की जाए वह समृद्धिकारक होती है।
इस दिन लक्ष्मी पूजा एवं खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त
पंडित झा के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा या खरीदारी करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सालांतर में इसकी महत्व तेरह गुना बढ़ जाती है। इस दिन झाड़ू खरीदने की अनोखी परम्परा है। मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से दरिद्रता दूर होती है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, सोना, चांदी, रत्न, जेवरात, वाहन, भूमि, घर में इस्तेमाल आने वाली वस्तुओ की खरीदारी की जाती है।
स्वास्थ्य कामना के लिए करें कुबेर व धनवंतरी की पूजा
ज्योतिषी पंडित झा ने कहा कि धनतेरस पर माता लक्ष्मी के अलावा धनवंतरी, कुबेर की पूजा होती है। भगवान धनवंतरी इसी तिथि को समुद्र मंथन से अवतरित हुए थे। उसी समय से लोग इस दिन नए बर्तन खरीदकर उसमे क्षीर पकवान रखकर भगवान धनवंतरी को भोग लगाते है और उस प्रसाद को ग्रहण करने से निरोग काया तथा स्वास्थ्य लाभ मिलता है। पंडित झा ने कहा कि इन पांचों दिन पांच-पांच दीप जलाने से पांचों देवताओं (गणेश, लक्ष्मी, ब्रह्मा, विष्णु व महेश) की कृपा मिलती है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली, हनुमान जयंती और उसके अगले दिन दीपावली, फिर गोवर्द्धन पूजा तथा पांचवे दिन भैयादूज मनायी जाएगी।
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त्त:- प्रदोष काल एवं वृष लग्न संध्या 05:39 बजे से रात्रि 08:56 बजे तक
ख़रीदारी करने का मुहूर्त
1. स्थिर लग्न – प्रातः 07:07 बजे से 09:15 बजे तक
2. अभिजीत मुहूर्त :- दोपहर 11 :11 बजे से 11 :56 बजे तक
3. गुली मुहूर्त :- सुबह 07:09 बजे से 08:44 बजे तक
4. वृष लग्न- शाम 07:00 से 08:56 बजे तक
राशि के अनुसार करें खरीदारी, होगी भाग्य में वृद्धि
मेष राशि :- चांदी या तांबा के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान
वृष राशि :- चाँदी या तांबे के बर्तन, वस्त्र, श्रृंगार की सामग्री, कलश
मिथुन राशि:- स्वर्ण आभूषण, स्टील के बर्तन, हरे रंग के घरलू सामान, पर्दा
कर्क राशि :- चांदी के आभूषण या पायल, बर्तन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक सामान
सिंह राशि:- तांबे के बर्तन या कलश, वस्त्र, सोना
कन्या राशि :- गणेश की मूर्ति, सोना या चांदी के आभूषण, कलश
तुला राशि:- वस्त्र, सौंदर्य सामान या सजावटी सामान, चांदी या स्टील के बर्तन
वृश्चिक राशि:- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने के आभूषण, बर्तन, तांबा या मिट्टी का गमला
धनु राशि :- स्वर्ण आभूषण, तांबे या स्टील बर्तन
मकर राशि:- वस्त्र ,वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण
कुम्भ राशि :- सौंन्दर्य के सामान, स्वर्ण, ताम्र पात्र, जूता-चप्पल
मीन राशि :- स्वर्ण आभूषण, चांदी या पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण