नीतीश कुमार के कार्यकाल में बही विकास की गंगा : आरसीपी सिंह
- कार्यकर्ता-संपर्क एवं आभार-कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री का आरती उतारकर हुआ जोरदार स्वागत, देव सूर्य मंदिर में की पूजा अर्चना
पटना। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की गंगा बही है, जिसका फायदा समाज के सभी समाज को मिल रहा है। वे अपने कायकर्ता-संपर्क एवं आभार-कार्यक्रम के दौरान बोधगया से औरंगाबाद जाने के क्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण के कारण कार्यकर्ताओं के साथ प्रत्यक्ष संपर्क नहीं हो पाया था और अब केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद कार्यकर्ताओं का आभार करने निकला हूं।
श्री सिंह ने कहा कि जदयू में सभी कार्यकर्ताओं को उनके काम के अनुसार सम्मान मिलता है। क्योंकि हमारे नेता का सिद्धांत है न्याय के साथ विकास। बोधगया से निकलने पर चौराहे पर प्रदेश महासचिव अभय कुशवाहा, चंदन कुमार सिंह, पूर्व विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह, मनोरमा देवी, जिला प्रवक्ता श्रीकांत प्रसाद, विक्रम सिंह विक्की, डोभी फोरलेन के पास पार्टी की महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष पूनम कुशवाहा, जदयू समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जीतेन्द्र नीरज सहित सैकड़ों अल्पसंख्यक नेता एवं गुरुआ मोड़ पर जदयू नेता अमित दांगी ने भव्य स्वागत किया।
वहीं औरंगाबाद जिले में प्रवेश करते ही मिठाइयां मोड़ मदनपुर के पास पूर्व विधायक अशोक सिंह ने अपने समर्थकों के साथ केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान आरसीपी सिंह ने आरसीपी सिंह ने शिक्षक दिवस पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया। देव स्थित सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना कर बिहारवासियों की खुशहाली की कामना की। इसके बाद उनका औरंगाबाद में मस्जिद के पास प्रदेश महासचिव धर्मेन्द्र सिंह, राजमोहन पटवर्धन, शमीमा खातुन, मोदी. अली ने स्वागत किया। श्री सिंह ने पटेल विकास मंच कार्यालय में सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वही एसएन सिन्हा कॉलेज के पास युवा प्रकोष्ठ के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी आनंद वैभव, जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, समाज सुधार वाहिनी की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ललिता व उपाध्यक्ष संजु देवी सहित कई नेताओं ने स्वागत किया। अरवल के कुर्था में अमर शहीद जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पटना वापस आ गये।