हाजीपुर में पटवन कर रहे उपमुखिया की लगने से मौत, परिवार में मचा कोहराम

हाजीपुर। वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र में खेत की पटवन कर रहे उपमुखिया की करंट लगने से मौत हो गई है। इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही परिजन भागते हुए घटनास्थल पर पहुंचे, जहां से शंभू शरण को इलाज के लिए तुरंत स्थानीय बिदुपुर अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना के बाद उनके परिवार में कोहराम मच गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। यह घटना बाजीतपुर पंचायत की है, जहां शंभू शरण अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित खेत में पटवन कर रहे थे। 50 वर्षीय शंभू शरण, बिदुपुर थाना क्षेत्र के बाजीतपुर गांव निवासी सुखदेव सिंह के पुत्र थे और वर्तमान में बाजीतपुर पंचायत के उपमुखिया थे। उनके दो पुत्र हैं और दोनों की शादी हो चुकी है। हादसे की रात, शंभू शरण अपने खेतों में पटवन कर रहे थे और मोटर पंप के पास पहुंचकर मोटर बंद करने की कोशिश कर रहे थे, तभी अचानक मोटर में करंट आ गया और उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही बिदुपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बिदुपुर थाना अध्यक्ष अरुण कुमार ने पुष्टि की है कि शंभू शरण की मौत करंट लगने से हुई है। इस हादसे के बाद बाजीतपुर पंचायत में शोक की लहर दौड़ गई है। शंभू शरण के परिवार में गहरा दुख है और गांव के लोग इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं। ग्रामीणों ने शंभू शरण को एक ईमानदार और मेहनती किसान और पंचायत के लिए समर्पित व्यक्ति बताया है। गांव के लोगों का कहना है कि शंभू शरण हमेशा गांव के विकास के लिए काम करते थे और उनकी इस आकस्मिक मौत से पंचायत को भारी क्षति हुई है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि शंभू शरण का हमेशा से ही खेतों में काम करना और अपनी जमीन की देखभाल करना पसंद था, और यही काम करते हुए उनकी जान चली गई। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हों। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है और परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इस घटना ने एक बार फिर से बिजली सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां किसान अक्सर बिजली उपकरणों के साथ काम करते हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इस तरह के उपकरण सुरक्षित और मानकों के अनुरूप हों, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
