शिक्षा विभाग ने फिर किया 261 शिक्षकों का ट्रांसफर, अधिसूचना जारी, स्कूल आवंटन जल्द

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में 261 शिक्षकों का अंतरजिला तबादला किया गया है। यह स्थानांतरण शिक्षकों की स्वेच्छा पर आधारित है, जिसे शिक्षा विभाग की विशेष समिति की सिफारिशों के अनुसार अमल में लाया गया है।
तबादले की प्रक्रिया और स्कूल आवंटन
शिक्षा विभाग की ओर से जिन शिक्षकों का तबादला किया गया है, उन्हें 5 मई से 10 मई के बीच नए विद्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही, स्थानांतरित शिक्षकों की सूची भी सार्वजनिक की गई है। इन शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से दो शपथ पत्र भरने होंगे। पहले शपथ पत्र में यह स्पष्ट करना होगा कि उनके द्वारा दी गई सभी जानकारियां सही हैं और अगर कोई जानकारी गलत पाई जाती है तो विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। वहीं, दूसरे शपथ पत्र में शिक्षक यह स्वीकार करेंगे कि उन्हें जो भी जिला आवंटित किया गया है, वह उसे स्वीकार करते हैं और यदि प्राथमिकता के अनुसार स्कूल में रिक्ति नहीं मिलती है, तो वे निकटतम विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के लिए तैयार रहेंगे।
अब तक के ट्रांसफर की स्थिति
शिक्षा विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक विभिन्न श्रेणियों में बड़ी संख्या में शिक्षकों का तबादला किया जा चुका है। इनमें 47 नियमित शिक्षक, 260 गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षक, 10,225 महिला शिक्षक और 2,151 पुरुष शिक्षक शामिल हैं। यह प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर पारदर्शी तरीके से चलाई जा रही है ताकि शिक्षकों को उनकी सुविधा के अनुसार स्थान मिल सके और शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित न हो।
शिक्षकों की इच्छा और स्थानांतरण नीति
इस बार जिन 261 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है, वह उनकी व्यक्तिगत इच्छाओं पर आधारित है। यह कदम शिक्षकों की पारिवारिक, स्वास्थ्य और सामाजिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में कोई रुकावट न आए और छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे।
शिक्षा विभाग की आगे की योजना
शिक्षा विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में और भी शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया चलाई जाएगी। यह प्रक्रिया एक निर्धारित नीति के तहत चलेगी जिसमें पारदर्शिता और शिक्षक हित को प्राथमिकता दी जाएगी। इस तरह शिक्षा विभाग के इस कदम को शिक्षकों के लिए राहत और व्यवस्था के लिए सुधारात्मक माना जा रहा है। इससे एक ओर जहां शिक्षकों को अनुकूल स्थान पर कार्य करने का अवसर मिलेगा, वहीं दूसरी ओर स्कूलों में शिक्षण कार्य भी प्रभावी रूप से चल सकेगा।
