पटना में डेंगू का प्रकोप, 48 घंटे में 28 नए मरीज मिले, बरते सावधानी
 
                पटना। इस समय डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। शहर में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं क्योंकि पिछले 48 घंटों में ही 28 नए मरीज सामने आए हैं। केवल एक दिन में 15 मामले दर्ज किए गए, जो इस साल का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अगस्त के शुरुआती बीस दिनों में ही डेंगू के 86 मरीज मिल चुके हैं, जबकि जनवरी से अब तक की कुल संख्या 150 से अधिक हो गई है। यह स्थिति साफ संकेत देती है कि डेंगू इस बार और तेज़ी से फैल रहा है और यदि समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो यह बड़ा स्वास्थ्य संकट बन सकता है। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, डेंगू के मामले मुख्यतः उन इलाकों में अधिक मिल रहे हैं जहां जलजमाव की समस्या गंभीर है। पटना के कंकड़बाग, पोस्टल पार्क, योगीपुर, जक्कनपुर, जगनपुरा, पटना सिटी, बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, दीघा, गोला रोड, रूपसपुर, फुलवारीशरीफ और दानापुर जैसे इलाके इस समय हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किए गए हैं। खास बात यह है कि पिछले वर्ष भी इन्हीं मोहल्लों में डेंगू ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया था। इससे स्पष्ट है कि जलजमाव और सफाई की समस्या लगातार बरकरार है और डेंगू का मच्छर इन्हीं हालात में तेजी से पनप रहा है। अस्पतालों में भी डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। आईजीआईएमएस में फिलहाल चार मरीज भर्ती हैं, वहीं पीएमसीएच, एम्स पटना और एनएमसीएच में भी लगातार डेंगू के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के अलावा पारस, मेदांता, रूबन और मेडिवर्सल जैसे निजी अस्पतालों के ओपीडी में भी डेंगू पीड़ितों की भीड़ बढ़ रही है। इसका मतलब है कि बीमारी केवल सरकारी स्तर पर ही नहीं बल्कि पूरे शहर के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव डाल रही है। नगर निगम का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा का छिड़काव लगातार किया जा रहा है। निगम की टीमें रैंडम कॉल के जरिए लोगों से यह भी पूछ रही हैं कि क्या उनके इलाके में छिड़काव हुआ है या नहीं। यदि कहीं यह काम छूट जाता है तो नागरिक सीधे 155304 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि यह भी ध्यान देने की बात है कि केवल निगम पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। डेंगू से बचाव के लिए सबसे अहम कदम व्यक्तिगत सावधानी है। लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों में पानी जमा न होने दें। गमलों, कूलरों, एसी और छतों पर रुका हुआ पानी मच्छरों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बनता है। इसीलिए समय-समय पर इन्हें साफ करना आवश्यक है। साथ ही, घरों और आस-पड़ोस में सफाई रखना, पूरी बाजू के कपड़े पहनना और मच्छरदानी या रिपेलेंट का प्रयोग करना जरूरी है। कुल मिलाकर, पटना में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए प्रशासनिक कदमों के साथ-साथ आम नागरिकों की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यदि लोग जागरूक रहें और साफ-सफाई पर ध्यान दें तो इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। सावधानी ही डेंगू से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        