पटना में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले, अब तक 516 मरीजों की पहचान, लोगों को सावधान रहने की जरूरत
 
                - 24 स्थान बने हॉटस्पॉट, अस्पतालों में 100 बेड तैयार, नगर निगम ने बढ़ाई फागिंग और सफाई की रफ्तार
पटना। राजधानी पटना में डेंगू का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को नौ नए मरीजों की पुष्टि की, जिसके बाद इस वर्ष डेंगू के कुल मामलों की संख्या 516 तक पहुंच गई है। बांकीपुर अंचल इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका बताया जा रहा है। नगर निगम के छह अंचलों में 24 स्थानों को डेंगू हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। इन जगहों पर संक्रमण की दर सबसे अधिक पाई गई है, जिससे स्थानीय लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय ने डेंगू पर नियंत्रण के लिए अस्पतालों और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर रणनीति बनाई है। हर दिन मरीज मिलने वाले इलाकों में मच्छरनाशी फागिंग कराने का निर्देश जारी किया गया है। खासकर संक्रमित क्षेत्रों के 500 मीटर के दायरे में फागिंग और सफाई अभियान तेज कर दिया गया है। मलेरिया एवं फाइलेरिया विभाग के कर्मचारियों को भी नगर निगम की टीम में शामिल कर अतिरिक्त मानव संसाधन उपलब्ध कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मरीजों के बढ़ते मामलों को देखते हुए 100 बेड की विशेष व्यवस्था की है। इसमें एनएमसीएच में 50 बेड, पीएमसीएच में 10 बेड, जीजीएस पटना सिटी और दानापुर अस्पताल में पांच-पांच बेड, पीएचसी में दो-दो बेड, जबकि एसडीएच बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज और दानापुर में पांच-पांच बेड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं, प्लेटलेट्स और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं ताकि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि हॉटस्पॉट इलाकों में नियमित फागिंग के साथ-साथ जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। टीम घर-घर जाकर लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बता रही है। निगम के अनुसार, डेंगू को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है कि घरों और आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने दिया जाए। कूलर, गमले, पानी की टंकी और बर्तनों में जमा पानी हर 2-3 दिन में साफ करने की सलाह दी गई है। डेंगू हॉटस्पॉट इलाकों के निवासी भी स्थिति को लेकर चिंतित हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई बार सफाई और फागिंग के बाद भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए नगर निगम को और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें, दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं और मच्छरदानी का प्रयोग करें। चिकित्सकों ने यह भी सलाह दी है कि डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, इसलिए खानपान और हाइड्रेशन पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। डॉ. अरुण कुमार, एनएमसीएच के चिकित्सक, ने कहा, “डेंगू से बचाव ही सबसे बेहतर उपाय है। संक्रमित होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और घर पर आराम करें। शरीर को हाइड्रेटेड रखें। नारियल पानी, सूप और पर्याप्त तरल पदार्थ लें। कीवी, अनार, संतरा, आंवला और मौसमी जैसे विटामिन-सी युक्त फल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करें। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि पटना में डेंगू की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। नगर निगम ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयास से ही डेंगू संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। 516 मामलों के आंकड़े ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते लोग सावधानी नहीं बरतते, तो संक्रमण का दायरा और बढ़ सकता है। ऐसे में पटना वासियों के लिए जरूरी है कि वे स्वच्छता और रोकथाम के उपायों को गंभीरता से अपनाएं।



 
                                             
                                             
                                             
                                        