September 17, 2025

दानापुर में वाहन चालकों का प्रदर्शन, सड़क जामकर सरकार के खिलाफ जताया आक्रोश

पटना। दानापुर में वाहन चालकों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा चुनाव के लिए जब्त किए गए वाहनों के चालक पिछले तीन दिनों से समय पर खाना और पानी नहीं मिलने के कारण आक्रोशित हो गए। उन्होंने दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और बीएस कॉलेज गेट के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। चालकों का कहना है कि चुनाव कार्य के लिए प्रशासन द्वारा वाहनों को जब्त किया गया है, लेकिन उनके लिए उचित भोजन और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है। शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है, और पीने के पानी में कीड़े हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बार-बार प्रशासन से खाना खाने के लिए पैसे की मांग के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। भीषण गर्मी में उन्हें बिना भोजन और पानी के रहना पड़ रहा है। प्रदर्शन में शामिल विकास यादव, पिंटू कुमार, दीपू कुमार सिंह ने बताया कि यहाँ कोई व्यवस्था नहीं है। खाने के लिए खुराकी भी नहीं दी जा रही है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण से वे सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हुए। जैसे ही सड़क जाम की सूचना मिली, स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शन कर रहे चालकों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। पुलिस ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। इसके बाद जाम को खुलवाया गया और यातायात को सामान्य किया गया। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव के दौरान जब्त किए गए वाहनों के चालकों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। चालकों का कहना है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वे इस तरह के विरोध प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा कि चुनाव के दौरान जब्त किए गए वाहनों के चालकों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए भी उचित कदम उठाए जाएंगे। दानापुर में वाहन चालकों का यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि चुनावी कार्यों में शामिल सभी लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं का ध्यान रखना अनिवार्य है। प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी लापरवाहियां न हो और सभी के लिए उचित व्यवस्थाएं की जाएं। इससे न केवल प्रशासन की साख बनी रहेगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में भी सुचारूता बनी रहेगी।

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