पटना में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने को लेकर प्रदर्शन, महागठबंधन सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

पटना। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही उम्मीद जगी थी कि जिन वादों तो विपक्ष में रहते आरजेडी ने किया था उसे सत्ता में आने के बाद पूरा किया जाएगा। उन्हीं वादों में से एक पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का वादा था लेकिन इस स्कीम को सरकार बनने के एक साल बाद भी लागू नहीं किया गया है। इसको लेकर रेलवे के कर्मचारियों में भी खासा आक्रोश है। केंद्र सरकार के साथ ही महागठबंधन सरकार के खिलाफ भी लोगों में नाराजगी है। पुरानी पेंशन की मांग को लेकर पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने प्रदर्शन किया। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर पूरे भारतवर्ष में आज पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने को लेकर प्रदर्शन किया गया। पटना जंक्शन पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने डायरेक्टर कार्यालय के सामने से लेकर जीआरपी कार्यालय तक हाथों में झंडा बैनर लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पुरानी पेंशन योजना बहाल करो ,नई पेंशन योजना रद्द करो जैसे नारे लगाए गए। केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल नहीं किया गया और नई पेंशन योजना को रद्द नहीं किया गया तो देश में चक्का जाम होगा। नवंबर महीने में रेलवे कर्मचारियों से गुप्त मतदान कराया जाएगा कि कितने स्ट्राइक के पक्षधर हैं और उसके बाद स्ट्राइक किया जाएगा। डेट निश्चित नहीं हुआ है लेकिन नवंबर महीने में हड़ताल की जाएगी। ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी। वहीं नई स्कीम में वेतन से दस प्रतिशत की कटौती होती है। पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा है। वहीं नई पेंशन स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है। पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी का पचास फीसदी तक निश्चित पेंशन देने का प्रावधान है। नई स्कीम में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। इसमें पेंशन आपके निवेश और उस पर मिले रिटर्न के आधार पर मिलती है। साथ ही ओपीएस में सेवाकाल में कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रितों को पारिवारिक पेंशन और नौकरी का प्रावधान था।

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