दार्जिलिंग रेल हादसे पर राजद ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, केंद्र सरकार पर खड़े किए सवाल
पटना। सोमवार सुबह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी उपमंडल के अंतर्गत रंगापानी स्टेशन के पास एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ। इस हादसे में रुइधासा में एक मालगाड़ी ने सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी। इस घटना के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा, “जिस देश की रेलवे का निजीकरण हो गया है, वहां हादसे होना निश्चित है। पहले कांग्रेस और यूपीए सरकार के समय जब हादसे होते थे, तो मंत्री इस्तीफा दे देते थे। लेकिन इस सरकार में किसी को लोक लाज नहीं है। इतना बड़ा हादसा हुआ है और पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन कोई मंत्री इस्तीफा नहीं देता और ना ही अपनी गलती स्वीकार करता है। इस सरकार से जनता को कोई उम्मीद नहीं है। जिस देश में ईवीएम को हैक करके सरकार बनाई जाती है, वहां जनता की सरकार नहीं है, यह एक गिरोह की सरकार है जो इन चीजों के लिए जिम्मेदार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस के हवाले से दावा किया गया है कि इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीस से अधिक लोग घायल हुए हैं। दार्जिलिंग पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक रॉय ने बताया कि दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौत हुई है और 20-25 घायल यात्रियों की स्थिति गंभीर है। यह हादसा किशनगंज से महज चालीस किलोमीटर दूर हुआ है। दुर्घटना में ट्रेन की तीन बोगियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हादसे के बाद कटिहार और किशनगंज रेलवे स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, ताकि यात्री और उनके परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें। इस दुर्घटना ने रेलवे की सुरक्षा और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इन हादसों की जिम्मेदारी नहीं ले रही है और न ही सुधार के प्रयास कर रही है। इस हादसे ने रेलवे की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। लगातार हो रहे रेल हादसों ने जनता के मन में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ ही विपक्ष ने सरकार से रेलवे की सुरक्षा और सेवाओं में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की है। रेल हादसे में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों को सहायता और राहत देने के लिए सरकार को तेजी से कार्य करना चाहिए। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। जनता की सुरक्षा और विश्वास को बहाल करने के लिए रेलवे प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा।


