November 19, 2025

टीम इंडिया के हार पर उठी गौतम गंभीर को बर्खास्त करने की मांग, पूर्व कप्तान गांगुली ने किया बचाव

कोलकाता। कोलकाता टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से मिली करारी हार ने टीम इंडिया की रणनीति, चयन और तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर सबसे अधिक आलोचना हो रही है। मैच महज ढाई दिन में खत्म हो गया और चारों पारियों में कोई भी टीम 200 रन तक नहीं पहुंच पाई। यही वजह है कि भारतीय खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है।
गंभीर की कोचिंग पर निशाना
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर पर इस हार के बाद दबाव और बढ़ गया है। उनके कार्यकाल में भारत ने अपने ही घर में खेले गए पिछले छह टेस्ट मैचों में से चार में हार झेली है। यह ऐसा आंकड़ा है जिसने फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर कई लोग गंभीर को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं और इसे उनकी रणनीति की विफलता बता रहे हैं। हालांकि गंभीर का कहना है कि पिच में कोई खामी नहीं थी और मैदान वैसा ही तैयार किया गया था जैसा उन्होंने चाहा था। उनके इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी है।
गांगुली उतरे गंभीर के बचाव में
इस भारी विरोध के बीच पूर्व भारतीय कप्तान और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष सौरव गांगुली गंभीर के समर्थन में सामने आए। उन्होंने साफ कहा कि गंभीर को हटाने का सवाल ही नहीं उठता। गांगुली का मानना है कि गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड दौरे में यह साबित किया था कि वे कठिन परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करा सकते हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि टीम इंडिया भारत में भी उसी आत्मविश्वास के साथ लौटेगी और बेहतर प्रदर्शन करेगी।
ईडन गार्डन्स की पिच पर गांगुली की स्पष्ट राय
गांगुली ने इस बात को स्वीकार किया कि कोलकाता टेस्ट की पिच अच्छी नहीं थी। उन्होंने माना कि बल्लेबाजी के लिए सतह बेहद चुनौतीपूर्ण थी और ऐसी विकेट पर टॉप ऑर्डर और मिडल ऑर्डर को अपनी प्राकृतिक बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जाता है। उनका कहना था कि टीम इंडिया को भारत में बेहतर पिचों की जरूरत है ताकि खिलाड़ी स्थिरता और लय के साथ प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे आने वाले मैच बेहतर सतहों पर खेले जाएंगे।
पिच तैयार करने में गांगुली की कोई भूमिका नहीं
पिच को लेकर उठ रहे सवालों के बीच यह भी आरोप लगाए गए कि गांगुली या बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने पिच को इस तरह तैयार कराया। लेकिन गांगुली ने सभी आरोपों का खंडन कर दिया। उन्होंने बताया कि टेस्ट मैच से चार दिन पहले ही बीसीसीआई के क्यूरेटरों ने पिच का जिम्मा ले लिया था और वह प्रक्रिया में बिल्कुल शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि ईडन के स्थानीय क्यूरेटर सुजान मुखर्जी वर्षों से शानदार काम कर रहे हैं और जो भी मांग बीसीसीआई की ओर से की गई थी, उसी अनुरूप पिच तैयार की गई थी।
मैच का ढाई दिन में समाप्त होना बना चिंता का विषय
कोलकाता टेस्ट इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि पहली बार भारत में किसी टेस्ट की सभी चार पारियों में कोई भी टीम 200 के पार नहीं जा सकी। मैच ढाई दिन में समाप्त हो गया और यह दर्शाता है कि विकेट बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं थी। चौथी पारी में भारत को सिर्फ 124 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन पूरी टीम 93 पर ही सिमट गई। कप्तान शुभमन गिल चोट के कारण बल्लेबाजी करने नहीं उतर सके और इससे भारतीय बल्लेबाजी की हालत और कमजोर दिखी।
टीम इंडिया पर गहरा पड़ा हार का प्रभाव
यह हार सिर्फ एक मैच की हार नहीं बल्कि टीम इंडिया की तैयारी, मानसिक दृढ़ता और रणनीति का भी एक महत्वपूर्ण टेस्ट थी। घरेलू सरजमीं पर लगातार टेस्ट हारने से कोचिंग स्टाफ और कप्तानी दोनों पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि गांगुली के बयान से गंभीर को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन टीम को अगले मुकाबलों में प्रदर्शन सुधारना होगा ताकि इस तरह की आलोचना पर विराम लगाया जा सके।

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