दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्यसभा के उपसभापति ने की संवैधानिक पद के सम्मान की रक्षा : सुशील मोदी

  • संसद भवन के उद्घाटन पर मचे सियासी बवाल के बीच जदयू ने हरिवंश का पूर्व डिप्टी सीएम ने किया समर्थन

पटना। संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर सियासि बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। जदयू के कई नेताओं ने उद्घाटन समारोह में उच्च सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण के शामिल होने पर कई सवाल खड़े किए। वहीं अब पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में उच्च सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण ने विशिष्ट अतिथियों के समक्ष अपने संबोधन से अपने पद की गरिमा बढ़ायी। इसका स्वागत होना चाहिए, कोई विवाद नहीं। सुशील मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के समय जब माकपा के सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे, तब उन्होंने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने संवैधानिक पद के सम्मान की रक्षा की थी। माकपा के मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मीडिया सलाहकार और वर्षों तक यशस्वी संपादक रह चुके हरिवंश नारायण ने उपसभापति के रूप में सोमनाथ चटर्जी की परम्परा का पालन किया है। उपसभापति का चुनाव सभी दलों के सहयोग से होता है और जो सांसद इस पद के लिए निर्वाचित होते हैं। उन पर दलीय अनुशासन लागू नहीं होता। उपसभापति सदन का संचालन निष्पक्ष और गरिमापूर्ण ढंग से करते रहे हैं। अब तक उनकी कार्यशैली पर जब जदयू सहित किसी भी दल ने आपत्ति नहीं की, तब संसद भवन के उद्घाटन में उनकी भूमिका पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है।

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