पटना में संदिग्ध स्थिति में विवाहिता की मौत, परिजनों का ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप

पटना। पटना में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। यह मामला राजधानी पटना के नदी थाना क्षेत्र का है, जहां एक विवाहिता, सिंकू, की संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि यह मौत दहेज उत्पीड़न का नतीजा है और ससुराल पक्ष ने ही हत्या की है। घटना के बारे में जानकारी देते हुए मृतका के भाई ने बताया कि सिंकू की शादी 14 दिसंबर 2022 को पटना के जेठुली निवासी रवि यादव के साथ संपन्न हुई थी। शादी में परिजनों ने अपनी क्षमता के अनुसार दहेज दिया था। शादी के शुरुआती कुछ महीने सुखद रहे, लेकिन कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष द्वारा सिंकू को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। यह उत्पीड़न केवल मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक भी था, और सिंकू के साथ मारपीट की घटनाएं अक्सर होती थीं। सिंकू की एक आठ महीने की बेटी भी है, जिससे उसकी स्थिति और भी नाजुक हो गई थी। रविवार की रात को सिंकू के ससुराल से फोन आया, जिसमें बताया गया कि उसकी तबीयत खराब है और उसका ब्लड प्रेशर कम हो गया है। इस सूचना के बाद परिजन जल्द से जल्द ससुराल पहुंचे, लेकिन तब तक सिंकू की मृत्यु हो चुकी थी। उसका शव बरामदे में रखा हुआ था। ससुराल पक्ष का कहना था कि सिंकू ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है, लेकिन मृतका के भाई का दावा है कि सिंकू के गले पर कोई फांसी का निशान नहीं था। उनके अनुसार, ससुराल वालों ने दहेज के लिए ही उसकी हत्या कर दी है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अधिकारी एसडीपीओ-1 निखिल कुमार ने बताया कि फिलहाल यह मामला फांसी लगाकर खुदकुशी का प्रतीत होता है, लेकिन मृतका के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया है। इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है ताकि साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा सके। एफएसएल टीम की जांच के बाद ही इस घटना के असली कारण का पता चल सकेगा। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है ताकि यह साफ हो सके कि यह मामला आत्महत्या का है या हत्या का। मृतका के परिवार वालों का आरोप है कि शादी के बाद से ही उनकी बहन को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था, और यह उत्पीड़न धीरे-धीरे हिंसक होता गया। इस प्रकार की घटनाएं समाज में दहेज प्रथा के अभिशाप की ओर इशारा करती हैं, जो आज भी कई परिवारों की खुशियों को निगल रही है। दहेज उत्पीड़न और इससे जुड़े हिंसक अपराध हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। कई मामलों में महिलाएं अपने ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित की जाती हैं और कई बार इस प्रताड़ना का परिणाम उनकी मृत्यु के रूप में सामने आता है। इस घटना में भी यही सवाल खड़ा होता है कि क्या सिंकू की मौत आत्महत्या थी या उसे जानबूझकर मार दिया गया था। पुलिस जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से दहेज प्रथा की भयावहता को उजागर कर दिया है। इस मामले ने ना सिर्फ सिंकू के परिवार को दुखी किया है, बल्कि समाज को यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि कब तक महिलाएं इस प्रकार की हिंसा और उत्पीड़न का शिकार होती रहेंगी। कानूनों की सख्ती और सामाजिक जागरूकता के बावजूद दहेज हत्या और उत्पीड़न जैसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जरूरत है कि ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को तेज किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें। सिंकू की दुखद मौत ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी तभी दी जा सकती है जब हम सभी मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएं और कानून का सख्ती से पालन करें।

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