उड़ीसा रेल हादसे में बिहार के मरने वालों की संख्या 50 के पार; 43 लोग जख्मी, 19 लापता

पटना। बालासोर रेल दुर्घटना में बिहार के भी कई मजदूरों की जानें चली गई हैं और कई लोग घायल हुए हैं। इस हादसे में बिहार में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 50 हो गई है। बिहार का उच्च स्तरीय चार सदस्यी दल लगातार भुवनेश्वर में कैंप कर रहा है। जो लापता व्यक्तियों की पहचान के लिए परिजनों का सहयोग भी कर रहा है। शवों के पहचान हेतु डीएनए सैंपल लिया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र से भी ओडिशा के बालासोर से समन्वय किया जा रहा है। जिससे मृतक, घायल, और लापता लोगों की समुचित जानकारी ली की जा रही है। रेल हादसे में प्रभावित परिवारों की सुविधा के लिए बिहार आपदा प्रबंधन ने हेल्पलाइन जारी की है, जिन लोगों को अब तक अपने परिजनों की जानकारी नहीं मिल पाई है, वे कर सकते हैं। रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 या हेल्पलाइन नंबर 18003450061/1929 पर कॉल करें। जो चौबीसों घंटे काम कर रहा है। ओडिशा के बालासोर जिला में बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना में बिहार के मृतकों की संख्या 50 पहुंच गई है। जिसमें मुजफ्फरपुर-9, मधुबनी- 6, भागलपुर- 7, पूर्वी चम्पारण-5, पूर्णिया-2, पश्चिम चम्पारण-3, नवादा- 2, दरभंगा- 2, जमुई -2, समस्तीपुर-3, बांका-1, बेगूसराय-1, गया-1, खगड़िया- 3, सहरसा-1, सीतामढ़ी-1 और मुंगेर के 1 मृतक शामिल हैं।
बिहार के घायल यात्रियों का आंकड़ा
इस हादसे में बिहार के घायल यात्रियों की संख्या अबतक 43 है। जिसमें मुजफ्फरपुर-15, पूर्वी चम्पारण-4, बेगूसराय-2, मुंगेर-1, समस्तीपुर-1 दरभंगा-1, भागलपुर- 1, नवादा-2, कैमूर-1, मधुबनी- 1, खगड़िया- 2 अररिया-2, पूर्णिया- 1, बांकाझ्र 1, सीतामढ़ी-1 घायल हैं। शेष 07 घायलों का पूर्ण पता एवं विवरण प्राप्त किया जा रहा है। घायलों का इलाज ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
लापता व्यक्तियों की जानकारी: अबतक बिहार के 19 यात्रियों के लापता होने की सूचना है। जिनमें मधुबनी- 4, सीतामढ़ी- 1, बेगूसराय- 1, दरभंगा-2, शेखपुरा-1, समस्तीपुर-2, पूर्वी चम्पारण-2, पूर्णिया-1, मुजफ्फरपुर-2 पटना-1 और गया के 1 यात्री हैं। अब तक 88 यात्रियों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया है, जिसमें 66 यात्रियों को कल दो बसों द्वारा बालासोर से बिहार लाया गया। जबकि 18 घायलों और 4 लापता व्यक्तियों सुरक्षित अपने गंतव्य स्थान पर पहले ही पहुंच चुके हैं। यह हादसा बीते शुक्रवार 2 जून को तब हुआ। इस तरह देश के इतिहास में संभवत: पहला ट्रिपल रेल हादसा है, जिसे सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है।

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