वैशाली में करंट लगने से 7 वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत, बिजली की तार की चपेट में आने से हादसा

वैशाली। बिहार के वैशाली जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां मात्र 7 वर्ष की आयु के एक मासूम बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई। यह हादसा जिले के काजीपुर थाना क्षेत्र के पट्टील्ही गांव में मंगलवार की रात को हुआ। मृतक अंश कुमार, लालगंज थाना क्षेत्र के मसूधन पकड़ी गांव का रहने वाला था। वह अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रहा था और फिलहाल गांव के ही विद्यालय में दूसरी कक्षा का छात्र था।
खेलते समय हुआ हादसा
मंगलवार की रात अंश कुमार गांव में आम के पेड़ के पास बच्चों के साथ खेल रहा था। उसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए वह नजदीक स्थित एक मेडिकल दुकान, ‘चन्द्रमा हरदेव दत्तव्य औषधालय’, में जा पहुंचा। इस औषधालय में वह जैसे ही भीतर गया, वहां खुले पड़े बिजली के तार की चपेट में आ गया। बिजली का करंट लगते ही अंश मौके पर ही गिर पड़ा और उसकी तत्काल मौत हो गई।
खुले तार बने जानलेवा
स्थानीय लोगों के अनुसार औषधालय के परिसर में बिजली की वायरिंग ठीक से नहीं की गई थी और कुछ तार खुले हालत में पड़े थे। बारिश की वजह से वहां पानी भर गया था, जिससे करंट फैलने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया था। अंश जैसे ही अंदर गया, बिजली के संपर्क में आ गया। यह लापरवाही उसके लिए जानलेवा साबित हुई।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
मृतक के नाना रामेश्वर महतो ने बताया कि अंश उनकी बेटी का बेटा था और कुछ समय से अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसका एक छोटी बहन भी है। अंश की मौत की खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। नाना-नानी समेत सभी परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव के लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं। बच्चे की मासूमियत और असामयिक मृत्यु ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही काजीपुर थाना अध्यक्ष रूपेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। मेडिकल दुकान के मालिक से भी पूछताछ की जा रही है और यह देखा जा रहा है कि किस स्तर पर लापरवाही हुई।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में लोगों के बीच गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर बिजली की वायरिंग सही तरीके से की गई होती और सुरक्षा के उपाय अपनाए गए होते, तो इस मासूम की जान बचाई जा सकती थी। गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि बिजली विभाग और दुकान संचालक की लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
सरकारी मदद की मांग
पीड़ित परिवार ने सरकार से आर्थिक सहायता की भी मांग की है। चूंकि मृतक बच्चा गरीब परिवार से था, इसलिए सरकारी सहायता के बिना उसका भविष्य सुरक्षित करना मुश्किल है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी अपील की गई है कि वे इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े हों। यह घटना सिर्फ एक बच्चे की मौत नहीं है, बल्कि यह बिजली विभाग, स्थानीय प्रशासन और आमजन की लापरवाही का गंभीर परिणाम है। ऐसी त्रासदी से सबक लेते हुए यह आवश्यक है कि सार्वजनिक स्थानों पर बिजली सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

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