बिहार के साथ केंद्र के सौतेले व्यवहार का सबूत है दरभंगा एम्स निर्माण में हो रही देरी : राजीव रंजन

पटना। दरभंगा एम्स मामले में हो रही देरी के लिए केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा कि जहां-जहां भाजपा की सरकार नहीं होती, वहां केंद्र सरकार विकास के कामों को कैसे लटकाती और अटकाती है, दरभंगा एम्स इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने आगे कहा कि DMCH के महत्व को देखते हुए ही मुख्यमंत्री जी ने केंद्र को पहले इसे अपग्रेड करने का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र ने पहले इसे लटकाए रखा और बाद में नकार दिया। वही बाद में राज्य सरकार ने शोभन बाईपास पर बनाने का प्रस्ताव भेजा। 29 अप्रैल 2023 को प्रकाशित खबरों के मुताबिक, स्थल निरिक्षण करने वाले केंद्रीय अधिकारियों को यह जगह पसंद भी आयी थी। लेकिन, बाद में इसे ठुकरा दिया गया। भाजपा को बताना चाहिए कि ऐसा किसके दबाव में किया गया। आगे राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि शोभन बाइपास के सड़क से नीचे होने का मुद्दा बना रहे भाजपा नेताओं को यह बताना चाहिए कि आज जब गहरे समुद्र में निर्माण कार्य किये जा रहे हैं तब महज कुछ फीट नीचे स्थल पर निर्माण करवाने में उन्हें क्या आपत्ति है? उस पर भी जब बिहार सरकार अपने कोष से तकरीबन 300 करोड़ खर्च कर इस स्थल पर मिटटी भरवाने को तैयार है तो वह इसपर नखरे क्यों दिखा रहे हैं। वास्तव में केंद्र सरकार चाहती ही नहीं कि बिहार में दूसरे एम्स का निर्माण हो यहां के लोगों को चिकित्सा की बेहतरीन सुविधाएँ मिले। उन्होंने कहा कि बिहार और दरभंगा के प्रति केंद्र के सौतेले व्यवहार का यह अकेला मामला नहीं है। इससे पहले दरभंगा एयरपोर्ट के लिए भी सरकार द्वारा जमीन दी गयी लेकिन अभी तक उस पर काम शुरू नहीं किया गया है। इसी तरह दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली, मुम्बई जैसे महत्वपूर्ण शहरों के लिए नई ट्रेनों की शुरुआत नहीं की गयी है। वास्तव में बिहार और विशेषकर मिथिला क्षेत्र के प्रति अपनी नफरत को लेकर यह सारे कारनामे किये जा रहे हैं।
