बिहटा की सड़कों पर छह महीने में मौत का तांडव

बिहटा, (मोनु कुमार मिश्रा)। बिहटा की सड़कें अब खून से लाल हो रही हैं। बीते छह महीनों में एक के बाद एक हुए नौ बड़े हादसों ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। अधिकतर हादसों में तेज रफ्तार बालू लदे ट्रक या अज्ञात वाहन शामिल रहे।

22 नवंबर 2024 – विष्णुपुरा के पास बालू लदे ट्रक ने ऑटो को टक्कर मार दी। हादसे में 3 स्कूली बच्चों की मौत हो गई, कई अन्य घायल हुए।

7 फरवरी – कोनी टोला में मजदूर कमलदेव यादव को ट्रक ने कुचल दिया, जिससे मौके पर ही मौत हो गई।
14 फरवरी – भगवतीपुर कन्हौली में बाइक सवार सुमंत कुमार सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
7 मार्च – सिकंदरपुर में एक एनआईटी छात्र को ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
16 मार्च – बहपुरा में बाइक की टक्कर से घायल युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
2 अप्रैल – चार माइल मोड़ के पास शंभू यादव अज्ञात वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई।
16 अप्रैल – विशंभरपुर मोड़ पर बाइक सवार रौशन कुमार को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया, जिससे मौके पर ही मौत हो गई।
24 अप्रैल – दिलावरपुर के सामने ऑटो और बालू लदे ट्रक की टक्कर में सुरेंद्र राम की मौत हो गई और 4 लोग घायल हुए।
29 अप्रैल – खेदलपुरा के पास शादी का कार्ड बांटकर लौट रहे अशोक राय को ट्रक ने कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
बिहटा-सरमेरा पथ पर एक दर्दनाक हादसे में बाइक सवार जीजा-साले की मौत हो गई, जबकि मृतक की पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब तीनों एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जा रहे थे। पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी, जिससे अरविंद कुमार (25 वर्ष, निवासी – पैनाठी, पुरुषोत्तमपुर) और उसका साला प्रिंस कुमार (10 वर्ष, निवासी – गोनपुरा, नौबतपुर) की मौके पर ही मौत हो गई। घायल निभा देवी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन अब भी चुप है
इन दर्दनाक हादसों के बावजूद सड़कों पर तेज रफ्तार ट्रकों का कहर जारी है। लोगों की जान पर बना यह संकट प्रशासन की गंभीर नाकामी को उजागर करता है। जनता सवाल कर रही है – आखिर कब जागेगा प्रशासन?

You may have missed