October 28, 2025

कांग्रेस अध्यक्ष ने दिखाए सख्त तेवर, कहा- दलित दबेगा नहीं, झुकेगा नहीं, अब इंकलाब होगा

  • टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में बवाल जारी, कई नेताओं के अच्छा आपस में लड़े, शीर्ष नेतृत्व की बढ़ी मुश्किलें

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर असंतोष का माहौल खुलकर सामने आ गया है। सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में गहरा विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के नेतृत्व में पार्टी भले ही चुनावी तैयारी में जुटी हो, लेकिन टिकट वितरण में जातिगत समीकरणों को प्राथमिकता देने के आरोपों ने अंदरूनी खींचतान को और बढ़ा दिया है।
टिकट बंटवारे से भड़का विवाद
कांग्रेस में इस बार टिकट वितरण प्रक्रिया को लेकर कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष की लहर है। पार्टी द्वारा टिकटों का बंटवारा जातीय आधार पर किए जाने की चर्चा है, जिससे कांग्रेस के एक गुट ने नाराज होकर पटना में बैठक बुलाई है। इस बैठक में पूर्व विधायक, जिला अध्यक्ष, पूर्व प्रत्याशी और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं। यह नाराजगी सीधे तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ बताई जा रही है। कई नेताओं का मानना है कि टिकट बंटवारे में संगठनात्मक वफादारी और कार्यकर्ताओं की मेहनत को नजरअंदाज कर दिया गया है।
अंतर्कलह खुलकर आई सामने
बिहार कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक रूप ले चुकी है। पिछले दिनों पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस नेताओं के बीच हुई झड़प ने पार्टी की छवि को बड़ा झटका दिया। यह झड़प इतनी बढ़ गई थी कि नेताओं के बीच लात-घूंसों तक की नौबत आ गई थी। इसके बाद से पार्टी आलाकमान स्थिति को संभालने में जुटा हुआ है, लेकिन असंतुष्ट गुटों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। सूत्रों के अनुसार, कुछ सीटों पर स्थानीय नेताओं की अनदेखी कर बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने से असंतोष और गहरा गया है।
अध्यक्ष राजेश राम के सख्त तेवर
विवाद बढ़ने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी अपने रुख में सख्ती दिखाई है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दलित दबेगा नहीं, झुकेगा नहीं, अब इंकलाब होगा।” उनके इस बयान को कांग्रेस के अंदरूनी विरोधियों के लिए सख्त संदेश माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पार्टी जातीय और सामाजिक न्याय की नीति पर चलती रहेगी और किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आएगी।
पटना में असंतुष्ट गुट की बैठक
कांग्रेस के असंतुष्ट गुट ने पटना में एक अहम बैठक बुलाई है, जिसमें टिकट वितरण में हुई कथित गड़बड़ियों पर चर्चा की जा रही है। यह बैठक दोपहर में आयोजित की गई, जहां कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई। बताया जा रहा है कि यह गुट प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष सार्वजनिक रूप से सामने रखेगा। इससे कांग्रेस की चुनावी एकजुटता पर असर पड़ने की संभावना है।
गठबंधन में असंतोष का असर
बिहार में महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के भीतर सीट बंटवारे की प्रक्रिया शुरू से ही विवादों में रही है। कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर सहमति देर से बन पाई, जिसके चलते कई जगहों पर दोनों दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। इससे कार्यकर्ताओं में भ्रम और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस का यह अंदरूनी बवाल महागठबंधन के एकजुट होकर चुनाव लड़ने की संभावना को कमजोर कर सकता है।
आलाकमान के लिए बढ़ी मुश्किलें
कांग्रेस नेतृत्व पहले ही बिहार में सीमित सीटों पर चुनाव लड़ने के निर्णय से दबाव में था, अब पार्टी के भीतर का असंतोष इस दबाव को और बढ़ा रहा है। केंद्रीय नेतृत्व को स्थिति संभालने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कांग्रेस समय रहते इन मतभेदों को नहीं सुलझाती है, तो इसका सीधा प्रभाव चुनावी परिणामों पर पड़ेगा। बिहार कांग्रेस इस समय गंभीर संगठनात्मक संकट से गुजर रही है। टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुआ विवाद अब खुली लड़ाई का रूप ले चुका है। अध्यक्ष राजेश राम के सख्त तेवरों ने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का प्रयास तो किया है, लेकिन असंतुष्ट नेताओं का दबाव अब भी बना हुआ है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस आंतरिक कलह को कैसे संभालता है और क्या पार्टी अपने विरोधी गुटों को शांत कर चुनावी मैदान में एकजुट होकर उतर पाती है या नहीं।

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