दुर्गा पूजा में 80 फीट ऊंचा बनेगा डाकबंगला का पंडाल, 250 से अधिक मूर्तियां लगेगी, 20 फीट ऊंची होगी माता की प्रतिमा
 
                पटना। बिहार की राजधानी पटना में दुर्गा पूजा का पर्व हर साल विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। शहर में जगह-जगह आकर्षक पंडाल बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा डाकबंगला चौराहे के पंडाल की होती है। इस बार भी यहां का पंडाल पूरे शहर के आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। पंडाल निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे एक विशेष थीम पर सजाया जा रहा है।
बृहदीश्वर मंदिर की थीम पर पंडाल
इस वर्ष डाकबंगला का पंडाल तमिलनाडु के प्रसिद्ध तंजौर स्थित बृहदीश्वर मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है। पंडाल की ऊंचाई लगभग 80 फीट और चौड़ाई 55 फीट होगी। इसकी भव्यता और कलात्मकता दर्शकों को दक्षिण भारत की स्थापत्य कला का अनुभव कराएगी। पंडाल का निर्माण कार्य बंगाल के कुशल कारीगरों की देखरेख में किया जा रहा है।
मूर्तियों की भव्य सजावट
पूरे पंडाल में करीब 250 भगवानों की अलग-अलग स्वरूपों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। यह मूर्तियां पंडाल को एक धार्मिक और कलात्मक रूप प्रदान करेंगी। इस वर्ष माता दुर्गा की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। प्रतिमा की ऊंचाई 20 फीट होगी और इसके निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी और जल हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयागराज, बनारस और हुगली से मंगाए गए हैं। मां के श्रृंगार का सामान नौहाटी और वाराणसी से विशेष रूप से मंगवाया जा रहा है, ताकि प्रतिमा का रूप और भी भव्य और अद्वितीय लगे।
पंडाल निर्माण में कारीगरों की मेहनत
नवयुवक संघ श्री दुर्गा पूजा समिति ट्रस्ट के महासचिव के अनुसार, इस पंडाल के निर्माण के लिए पिछले छह महीनों से लगातार तैयारियां चल रही हैं। डिजाइनिंग से लेकर सामग्री चयन तक हर बारीकी पर विशेष ध्यान दिया गया है। पंडाल का निर्माण 18 कारीगर मिलकर कर रहे हैं, जो अपनी कला और रचनात्मकता से इसे एक विशेष रूप देने में जुटे हुए हैं।
रोशनी से सजता डाकबंगला
डाकबंगला चौराहे का एक और प्रमुख आकर्षण यहां की रोशनी है। इस बार भी यहां भव्य लाइटिंग की तैयारी की जा रही है। डाकबंगला चौराहे से लेकर कोतवाली तक चार विशाल एलईडी द्वार बनाए जाएंगे। इन द्वारों की ऊंचाई 57 फीट और चौड़ाई 35 फीट होगी। एलईडी लाइटिंग न केवल पंडाल बल्कि पूरे इलाके को उत्सवमय माहौल से भर देगी।
धार्मिक स्थलों की झलक
इस वर्ष लाइटिंग में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की झलक प्रस्तुत की जाएगी। चार धाम, जगन्नाथ पूरी मंदिर और चीन का मंदिर (चाइना टेंपल) भी लाइटिंग के माध्यम से दर्शाया जाएगा। यह सभी दृश्य श्रद्धालुओं को धार्मिक यात्रा का अनुभव कराएंगे और उन्हें आकर्षण से भर देंगे।
बच्चों के लिए विशेष आकर्षण
पंडाल और लाइटिंग में बच्चों के मनोरंजन का भी विशेष ध्यान रखा गया है। एलईडी लाइटिंग के जरिए विभिन्न शिक्षाप्रद और मनोरंजक दृश्य दिखाए जाएंगे। खरगोश और कछुए की दौड़, कौआ द्वारा घड़े में कंकड़ डालना, लोमड़ी को अंगूर खाने की कोशिश करते हुए तथा भालू को अपने बच्चे के साथ खेलते हुए दिखाया जाएगा। यह दृश्य बच्चों को न केवल आनंदित करेंगे बल्कि उन्हें कहानियों के माध्यम से शिक्षा भी देंगे।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
पटना में डाकबंगला चौराहे का पंडाल केवल पूजा का केंद्र नहीं होता, बल्कि यह सांस्कृतिक मेलजोल और कलात्मक प्रस्तुति का भी प्रतीक बन जाता है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक आते हैं और मां दुर्गा के दर्शन के साथ-साथ कला, संस्कृति और आस्था का अद्भुत संगम देखते हैं। यह पंडाल न केवल राजधानी बल्कि पूरे बिहार में चर्चा का विषय रहता है। दुर्गा पूजा का पर्व आस्था और भक्ति का उत्सव है। पटना का डाकबंगला चौराहा इस उत्सव को और भव्यता प्रदान करता है। इस वर्ष बृहदीश्वर मंदिर की थीम पर तैयार हो रहा पंडाल, विशाल प्रतिमा, सैकड़ों मूर्तियां और शानदार लाइटिंग पूरे माहौल को भक्ति और उत्सव में डूबो देंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि कला, संस्कृति और सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक है। आने वाले दिनों में जब यह पंडाल पूरी तरह तैयार होगा, तो यह श्रद्धालुओं के लिए भक्ति, सौंदर्य और अद्भुत अनुभव का संगम बन जाएगा।



 
                                             
                                             
                                             
                                        