अररिया में बिना मैसेज और बिना ओटीपी के साइबर ठगी, अपराधियों ने खाते से गायब किये 53 लाख रुपए
अररिया। बिहार के अररिया जिले में साइबर ठगी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गैयारी गांव निवासी बीबी साहेबा खातून, जो अब्दुल मन्नान आजादा एकेडमिक के प्राचार्य की पत्नी हैं, के बैंक खाते से साइबर अपराधियों ने 53 लाख से ज्यादा की रकम उड़ा ली। चौंकाने वाली बात यह है कि इस धोखाधड़ी में न तो उनके फोन पर कोई ओटीपी आया और न ही खाते से रुपये कटने का कोई मैसेज मिला। बीबी साहेबा खातून जब अपने खाते को अपडेट कराने बैंक पहुंचीं, तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने जब बैंक स्टेटमेंट चेक किया, तो पाया कि उनके खाते से अलग-अलग तारीखों में कुल 53 लाख 14 हजार 520 रुपये की निकासी की गई है। इसके बाद उन्होंने बैंक अधिकारियों से शिकायत की और साइबर थाना में मामला दर्ज कराया। खाताधारी बीबी साहेबा खातून ने पुलिस को बताया कि उनका खाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अररिया शाखा में है। चार दिन पहले जब वह बैंक गई थीं और पासबुक में बचत राशि की जानकारी ली, तो उन्हें इस ठगी का पता चला। उन्होंने पुलिस को उन सभी खातों के नंबर भी बताए, जिनमें उनके खाते से राशि ट्रांसफर की गई थी। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि जालसाजों को ओटीपी दिए बिना या उनके भेजे हुए लिंक को क्लिक किए बिना पैसा खाते से नहीं निकल सकता है। खाताधारी ने इनमें से कोई एक गलती जरूर की होगी। संभवतः उन्होंने अनजाने में ओटीपी दिया होगा या किसी फिशिंग लिंक पर क्लिक किया होगा, जिससे साइबर ठगों को उनके फोन का रिमोट एक्सेस मिल गया होगा। ऐसा करने पर ही साइबर ठग खाते से पैसे निकाल सकते हैं। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। बैंक अधिकारियों ने भी इस मामले में पीड़ित महिला को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। साइबर ठगी के इस मामले ने जिले में सुरक्षा और जागरूकता की कमी को उजागर किया है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि आज के डिजिटल युग में हमें अत्यधिक सतर्क और सावधान रहना होगा। किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए और ओटीपी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। बैंक और साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह है कि किसी भी संदेहास्पद गतिविधि को तुरंत बैंक और संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। साइबर ठगी का यह मामला न केवल पीड़ित महिला के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। ऐसे मामलों से बचने के लिए लोगों को अपने डिजिटल व्यवहार में सावधानी बरतनी होगी और साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।


