राहुल गांधी का पीए बनकर टिकट के नाम पर ठगी करने वाला अपराधी गिरफ्तार, पटना पुलिस ने दबोचा

पटना। पटना पुलिस ने एक बड़े ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पीए बताकर नेताओं को ठगने का काम कर रहा था। इस गिरोह के सदस्य विभिन्न राज्यों में कांग्रेस नेताओं को टिकट और पद दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठते थे। पटना के गांधी मैदान स्थित एक होटल से गिरोह के सदस्य रजत कुमार को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसका साथी और मुख्य सरगना गौरव शर्मा मौके से फरार हो गया। रजत कुमार हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है। वह खुद को राहुल गांधी का निजी सचिव कनिष्क सिंह बताकर कांग्रेस नेताओं को फोन करता था। विशेष रूप से बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां चुनाव होने वाले होते या पार्टी के प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों की नियुक्ति होनी होती, वहां नेताओं को झांसे में लेने की कोशिश करता था। इस गिरोह के मुख्य सरगना गौरव शर्मा ने बिहार के कांग्रेस नेता प्रवीण कुशवाहा को फोन कर 15-20 लाख रुपये में उन्हें बिहार प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का लालच दिया। प्रवीण कुशवाहा इस प्रस्ताव के बाद दिल्ली चले गए, लेकिन गौरव और रजत पटना पहुंच गए।
होटल में रंगे हाथ पकड़ा गया ठग
पटना पहुंचने के बाद गौरव ने प्रवीण कुशवाहा को फिर फोन किया। लेकिन जब उन्हें पता चला कि प्रवीण दिल्ली जा चुके हैं, तो वे पटना के एक होटल में ठहर गए। इसके बाद प्रवीण ने अपने करीबी आदित्य को होटल भेजा, जहां गौरव ने दो लाख रुपये लिए और वहां से चुपचाप निकल गया। आदित्य और उनके साथी समझ गए कि वे ठगी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने तुरंत होटल में मौजूद रजत को पकड़ लिया और गांधी मैदान थाने की पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
कई राज्यों में कर चुके हैं ठगी
रजत और गौरव पर पहले भी कई राज्यों में ठगी के मामले दर्ज हैं। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत कई जगहों पर इन्होंने करोड़ों रुपये की ठगी की है। रजत पहले भी छह महीने तक जेल में रह चुका है।
पूर्व मंत्री से भी मांगे थे पैसे
इस गिरोह ने बिहार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक अफाक आलम को भी कॉल कर पार्टी में बड़ा पद दिलाने के लिए पैसे की मांग की थी। हालांकि, अफाक आलम ने इनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
पुलिस कर रही सरगना की तलाश
गिरोह के सरगना गौरव शर्मा की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि गौरव ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है और फिलहाल फरार है। पूछताछ में रजत ने कबूला कि उसे ठगी की रकम में से 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। पटना पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है ताकि इस तरह की ठगी को पूरी तरह से रोका जा सके।

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