PATNA : राजधानी का आशियाना नगर बना देश का पहला स्मार्ट डिविजन, सभी 38 हजार उपभोक्ताओं के घरों में लगे स्मार्ट प्रीपेड मीटर
पटना। आशियाना नगर बिजली के मामले में पहला स्मार्ट डिविजन बन गया है। यहां रहने वाले सभी 38 हजार उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया है। इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं के साथ बिजली कंपनी को मिलेगा। उर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में देश के पहले पायदान पर बिहार है। पेसू क्षेत्र के आशियाना नगर डिविजन में शतप्रतिशत उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही देश का पहला स्मार्ट डिविजन आशियाना नगर बन गया है। सोमवार को डिविजन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उर्जा विभाग के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव आशियाना नगर डिविजन को स्मार्ट डिविजन घोषित करेंगे।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से काेई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। किसी तरह का मीटर रेंट नहीं देना है। अपनी बिजली खपत के अनुरूप खुद से उपभोक्ता प्रीपेड मीटर को रिचार्ज करेंगे। इस पर 3% की छूट मिलेगी। रिचार्ज समाप्त होने के पहले मैसेज मिलेगा। रिचार्ज समाप्त होने पर बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी। इसे चालू कराने के लिए रिचार्ज करना है। रिचार्ज होने के 10 मिनट बाद सप्लाई स्वत: चालू होगी। पहले की तरह उपभोक्ताओं को बिजली कटने के बाद बिजली बिल जमा करने के साथ री-कनेक्शन और डिस्कनेक्शन चार्ज नहीं देना होगा।
इसके साथ ही लाइन मैन को सप्लाई चालू करने के लिए आने का इंतजार नहीं करना होगा। इसी तरह बिजली बिल में गड़बड़ी होने पर कार्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन के माध्यम से नाम में सुधार कराने, लोड घटाने और बढ़ाने की सुविधा है। इसके लिए भी कोई शुल्क नहीं देना है। उपभोक्ताओं को कतार में खड़ा होकर बिजली जमा करने का झंझट समाप्त हो रहा है। बिजली कंपनी को बकाया बिजली बिल वसूली के लिए अभियान चलाने की जरूरत नहीं होगी। उपभोक्ताओं पर बिल जमा करने का दबाव नहीं बनाना होगा। मीटर रीडर की जरूरत नहीं है। अब पहले से कम कर्मियों में व्यवस्था सुदृढ़ होगी। कलेक्शन काउंटर पर पहले से कम कर्मियों की जरूरत होगी।
बिजली चोरी की मॉनिटरिंग होगी और 24 घंटे निर्बाध सप्लाई दी जाएगी
आशियाना नगर डिविजन के स्मार्ट डिविजन बनने घोषित होने के बाद इंजीनियरों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और बिजली चोरी की मॉनिटरिंग करने का कार्य करना है। बिजली कंपनी के मुताबिक आने वाले समय में प्रत्येक फीडर के साथ प्रत्येक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर मीटर लगा होगा। इसको ऑन लाइन के माध्यम से जोड़ा जाएगा। कम्प्यूटर के एक क्लिक पर एनर्जी अकाउंटिंग होगी। जिस डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर पर सप्लाई के अनुरूप बिलिंग नहीं हो रही है, वहां की विशेष निगरानी इंजीनियरों के टीम के माध्यम से की जाएगी। ताकि, लॉस पर शतप्रतिशत रोक लगाई जा सके।

