सीवान में घूसखोर दरोगा रिश्वत लेते गिरफ्तार, निगरानी विभाग की टीम ने दबोचा
सीवान। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी निगरानी विभाग की मुहिम को मंगलवार देर रात को एक और बड़ी सफलता मिली। सीवान जिले के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत अस्पताल रोड से निगरानी विभाग की टीम ने एक सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए पुलिस अधिकारी की पहचान असाव थाने में पदस्थापित एसआई मिथिलेश कुमार के रूप में की गई है। वह एक वाशिंग मशीन और 20,000 रुपए नकद की रिश्वत लेते पकड़ा गया। निगरानी विभाग के डीएसपी राजन कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई चंदन कुमार यादव नामक व्यक्ति की शिकायत पर की गई। चंदन यादव, ससराव गांव के निवासी हैं। उन्होंने निगरानी विभाग को दी गई अपनी शिकायत में बताया था कि उनके पारिवारिक जमीन विवाद को लेकर उन्हें और उनके परिजनों को एसआई मिथिलेश कुमार द्वारा झूठे केस में फंसाया गया है। चंदन के अनुसार, एसआई ने केस से नाम हटाने और पुलिस डायरी में राहत देने के बदले 20,000 रुपये नकद और एक वाशिंग मशीन की मांग की थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए निगरानी विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया। योजना के तहत मंगलवार को चंदन यादव को तय स्थान — अस्पताल रोड — पर बुलाया गया, जहां उसे कथित रिश्वत राशि और वाशिंग मशीन के साथ उपस्थित होना था। जैसे ही एसआई मिथिलेश कुमार ने रिश्वत की मांग पूरी होने पर उसे स्वीकार किया, निगरानी विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। पकड़े जाने के तुरंत बाद आरोपी दरोगा को सीवान परिसदन ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। निगरानी विभाग ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। विभाग इस मामले में अन्य संभावित दोषियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। डीएसपी राजन कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकार की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो वे तुरंत निगरानी विभाग को सूचित करें। विभाग द्वारा दी गई गोपनीयता की गारंटी के तहत शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह सुरक्षित रखी जाएगी। इस घटना से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। साथ ही, यह गिरफ्तारी पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले उन अफसरों के लिए भी एक कड़ा संदेश है, जो वर्दी की आड़ में जनता का शोषण करते हैं। फिलहाल आरोपी एसआई मिथिलेश कुमार से पूछताछ जारी है और विभाग उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। मामले की जांच के बाद दोष सिद्ध होने पर उसे निलंबित कर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।


