कोरोना महामारी ने बढ़ायी वकीलों की परेशानी, एडवोकेट एसोसिएशन ने लिखा मुख्य न्यायाधीश को पत्र
पटना। कोरोना महामारी ने वकीलों की परेशानी खासी बढ़ा दी है। वकीलों की आमदनी का जरिया उनकी नियमित प्रैक्टिस ही है। लेकिन पिछले एक साल से अधिक वक्त से बिहार के न्यायालयों में कामकाज सुचारू नहीं हो सका है। इस बीच पटना हाईकोर्ट में गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो गई हैं। ऐसी स्थिति में कई वकीलों के समक्ष पेट भरने पर संकट आ गया है। पटना हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने वकीलों की समस्या से अवगत कराने के लिए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है।
पत्र में वकीलों की समस्या का जिक्र करते हुए कहा गया है कि हाईकोर्ट के समक्ष कई मामले सुनवाई हेतु लंबित हैं। हाईकोर्ट में पहली बार ग्रीष्मावकाश होने के कारण ई फाइलिंग रोक दिए जाने से वकीलों और वादियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ई-फायलिंग की सुविधा नहीं दिए जाने से वकीलों की चुनौती बढ़ गई है। उन्होंने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के जिला व सेशन जजों को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा कि निचली अदालतों में अति आवश्यक जमानत याचिका व अन्य मामलों पर वर्चुअल माध्यम से सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। वैसी व्यवस्था पटना हाईकोर्ट द्वारा भी किया जाए। कोरोना के कारण पिछले 14 महीनों से न्यायालय ठप पड़े हुए हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि मौजूदा हालात में वकीलों और उनसे जुड़े क्लर्क और अन्य आश्रितों को घोर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्मा ने मुख्य न्यायाधीश से गुहार लगायी है कि ग्रीष्मावकाश के दौरान वकीलों को ई-फाइलिंग द्वारा मामलों को दाखिल करने की अनुमति दी जाए।


