देश में खतरनाक हुआ करोना, एक्टिव मामले 5 हजार के पार, सर्वाधिक मरीज़ केरल से

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर से सिर उठाने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,364 हो गई है। यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि महज दो सप्ताह पहले, 22 मई को यह आंकड़ा केवल 257 था। इस दौरान संक्रमण में अचानक आई तेजी से सरकार की चिंता भी बढ़ गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, जहां सबसे अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। केरल के बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। राहत की बात यह है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्य अभी इस संक्रमण की गंभीर चपेट में नहीं आए हैं। हालांकि देशभर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑक्सीजन सिलेंडर, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा के लिए देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, कोविड सुविधाओं की तैयारियों को फिर से मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया है। पिछले 24 घंटों में चार नई मौतें दर्ज की गई हैं, जिससे इस वर्ष जनवरी से अब तक कुल मौतों की संख्या 55 हो गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज्यादातर मामले हल्के लक्षणों वाले हैं और संक्रमित लोग घर पर आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। फिर भी संक्रमण की तेज़ी से बढ़ती रफ्तार को देखते हुए निगरानी और सतर्कता की आवश्यकता बताई गई है। इसी क्रम में 2 और 3 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दिल्ली में स्वास्थ्य अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन किया गया। इन बैठकों में आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (EMR), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के साथ-साथ राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठकों में कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति की तकनीकी समीक्षा की गई और आने वाले समय के लिए सुरक्षा उपायों की रणनीति बनाई गई। खासतौर पर आईडीएसपी के अंतर्गत राज्य और जिला निगरानी इकाइयों को इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण पर बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि संक्रमण की संभावित श्रृंखला को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण होंगे। कोरोना के नए मामले भले ही फिलहाल ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन संक्रमण की गति और फैलाव को रोकना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के साथ-साथ आम जनता को भी सतर्क रहने और कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना जैसे उपाय अपनाने की ज़रूरत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार और समाज मिलकर इस नई लहर की चुनौती से निपटने में सफल होता है या नहीं। फिलहाल केंद्र सरकार की रणनीति सतर्कता ही सुरक्षा है” के सिद्धांत पर आधारित है।
