कोरोना और ब्लैक फंगस से जंग : 6 हजार वायल इंजेक्शन अस्पतालों को कराया गया उपलब्ध, 50 हजार 321 रेमेडेसिविर का डोज उपलब्ध
पटना। बिहार में कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे कमी आ रही है। वहीं दूसरी ओर एक नया संक्रमण ने दस्तक देकर सरकार व आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बिहार में पिछले कुछ दिनों से अस्पतालों में ब्लैक फंगस नामक बिमारी के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अब सरकार ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए जुट गई है।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक राज्य में ब्लैक फंगस के लगभग दो दर्जन मामले सामने आए हैं। ऐसे मरीज आईजीआईएमएस और एम्स के अलावे निजी संस्थानों में इलाजरत हैं। इन मरीजों को लिपोसोमल एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन से इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लैक फंगस से बचाव के लिए अलग-अगल सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए लिपोसोमल एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन का छह हजार डोज भेजा गया है। डब्लूएचओ के तरफ से स्वास्थ्य विभाग को इंजेक्शन का 14 हजार वायल उपलब्ध कराया गया था। फंगस के प्रभाव को देखते हुए उसी स्टॉक से 6 हजार वायल इंजेक्शन विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया है।
आरएमआरआई इंजेक्शन पटना में होगा स्टोर
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए इंजेक्शन आरएमआरआई, पटना में स्टोर रहेगा, जहां गठित कमेटी के आदेश के बाद मरीजों के समुचित पहचान पर संबंधित अस्पताल द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। प्राइवेट अस्पतालों को इसके आवेदन के लिए सहायक औषधि नियंत्रक पटना ग्रामीण के दिये गये ई-मेल आईडी पर मेल करना होगा।
रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य के विभिन्न जिलों और अस्पतालों में 37 हजार 430 डोज उपलब्ध कराया गया है। साथ ही राज्य मुख्यालय में 50 हजार 321 रेमेडेसिविर का डोज उपलब्ध है, जिसे बाद में आवश्यकतानुसार विभिन्न जिलों के अस्पतालों में भेजा जायेगा।


