औरंगाबाद में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से बड़ा हादसा, दो की दर्दनाक मौत, एक की हालत गंभीर

औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद और जहानाबाद जिलों से बुधवार देर रात को को एक के बाद एक दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आईं। हाईटेंशन तार की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। ये हादसे न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था की भयावह स्थिति को भी रेखांकित करते हैं।
गोह के बाजार बर्मा गांव में हुई पहली घटना
औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र के बाजार बर्मा गांव में दोपहर के समय यह दर्दनाक हादसा हुआ। गांव के 55 वर्षीय दुर्गा यादव और 30 वर्षीय नीतीश कुमार खेतों में सिंचाई का काम खत्म कर घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें एक ऐसी जगह से गुजरना पड़ा, जहां ग्यारह हजार वोल्ट की हाईटेंशन तार जमीन पर गिरी हुई थी। दोनों जैसे ही उस स्थान के पास पहुंचे, अचानक विद्युत करंट की चपेट में आ गए। घटना के बाद ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए दोनों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोह पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दुर्गा यादव को मृत घोषित कर दिया। घायल नीतीश कुमार का इलाज फिलहाल जारी है। यह हादसा क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है, क्योंकि गांव में पहले से जर्जर तारों की स्थिति की सूचना विभाग को दी जा चुकी थी।
भुरकुंडा गांव में दूसरी घटना, एक और मौत
इसी दिन गोह के ही भुरकुंडा गांव से एक और करुणामय घटना सामने आई। लक्ष्मण सिंह के पुत्र, 40 वर्षीय पंकज कुमार की भी करंट की चपेट में आने से मृत्यु हो गई। बताया जा रहा है कि वह खेतों की ओर जा रहे थे, तभी अचानक हाइटेंशन तार की चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन और ग्रामीण शोक में डूब गए। गोह थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
जहानाबाद जिले में तीसरी घटना
उधर, जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र अंतर्गत मिल्की गांव में भी बुधवार की देर शाम एक और व्यक्ति की जान चली गई। मृतक की पहचान गांव के ही 40 वर्षीय बुधन प्रसाद के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, बुधन गांव के बधार में किसी काम से जा रहे थे, तभी एक विद्युत पोल के लोहे के स्टेक में प्रवाहित करंट की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
स्वजनों का बुरा हाल, प्रशासन पर सवाल
तीनों घटनाओं के बाद मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग आक्रोशित हैं और बिजली विभाग की घोर लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद विभाग द्वारा न तो तारों की मरम्मत कराई गई और न ही समय पर किसी अधिकारी ने घटनास्थलों का निरीक्षण किया। बिहार के ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था की बदहाली कोई नई बात नहीं है, लेकिन एक ही दिन में तीन मौतें यह दर्शाती हैं कि अब यह लापरवाही जानलेवा बन चुकी है। प्रशासन और बिजली विभाग को इन घटनाओं से सबक लेते हुए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। ग्रामीणों की सुरक्षा और जान की कीमत को अब प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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