नालंदा में घरेलू विवाद से परेशान होकर महिला ने तीन बच्चों के साथ खाया जहर, मां की मौत

नालंदा। जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। घरेलू विवाद से परेशान एक महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों को जहर पिलाकर खुद भी जान देने की कोशिश की। इस घटना में महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि तीनों बच्चों का इलाज फिलहाल पावापुरी एम्स में चल रहा है।
पति से झगड़े के बाद उठाया खौफनाक कदम
मृत महिला की पहचान खुशबू कुमारी (35) के रूप में हुई है। रविवार की रात उसका अपने पति राजीव रविदास से किसी बात को लेकर तीखा विवाद हुआ था। यह बहस इतनी बढ़ गई कि महिला मानसिक रूप से टूट गई और अगले ही दिन सुबह इस दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दे दिया।
नाश्ते के बहाने बच्चों को दिया जहर
जानकारी के अनुसार, खुशबू कुमारी ने सुबह सामान्य तरीके से अपने बच्चों के लिए नाश्ता तैयार किया। इसके बाद उसने खेतों में छिड़काव के लिए उपयोग किए जाने वाले सल्फास पाउडर को पानी में घोलकर शरबत बनाया। यह जहरीला घोल पहले उसने अपने तीन बच्चों को पिलाया, जिनमें सुगी कुमारी (10), कल्लू कुमार (8) और आर्यन कुमार (4) शामिल हैं। इसके बाद महिला ने स्वयं भी उसी घोल का सेवन कर लिया।
बच्चों की हालत बिगड़ते ही मचा हड़कंप
जहर पीने के कुछ समय बाद ही बच्चों और महिला की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। घर में मौजूद खुशबू के ससुर राजकुमार रविदास को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ। उन्होंने तुरंत गांव के लोगों को बुलाया और अपने बेटे राजीव रविदास को भी इस घटना की सूचना दी।
गांव वालों की मदद से पहुंचाया गया अस्पताल
गांववालों की मदद से सभी चारों को बिहार शरीफ के मॉडल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें एम्स पावापुरी रेफर कर दिया। इलाज के दौरान खुशबू कुमारी की मौत हो गई, जबकि बच्चों का इलाज अब भी जारी है।
बच्चे ने बताई घटना की वजह
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी और पीड़िता के बेटे कल्लू कुमार ने बताया कि रात में मां-पिता के बीच किसी बात को लेकर जमकर झगड़ा हुआ था। हालांकि, सुबह सब सामान्य दिख रहा था, लेकिन शायद अंदर ही अंदर खुशबू ने कोई बड़ा निर्णय ले लिया था।
पुलिस कर रही मामले की जांच
दीपनगर थाना प्रभारी जितेंद्र राम ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि महिला ने घरेलू तनाव के चलते आत्मघाती कदम उठाया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि महिला ने पहले बच्चों को जहर दिया और फिर खुद भी पी लिया।
घरेलू विवाद से जुड़ा गहराता संकट
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि घरेलू कलह मानसिक स्वास्थ्य पर कितना भारी पड़ सकता है। कई बार परिवारिक तनाव, संवादहीनता और भावनात्मक असंतुलन ऐसी घटनाओं को जन्म दे देते हैं, जिनका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। मघड़ा गांव की यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। मानसिक तनाव और घरेलू विवादों का समाधान संवाद और सहयोग से निकालना चाहिए, न कि आत्महत्या जैसे कदम उठाकर। प्रशासन के साथ-साथ समाज को भी ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और जागरूकता दिखानी होगी, ताकि किसी और खुशबू को ऐसी दर्दनाक मौत न झेलनी पड़े और मासूम बच्चों को अपनी मां न खोनी पड़े।
