चुनाव में टिकट बेचने के विरोध में सदाकत आश्रम में धरने पर बैठे कांग्रेसी, कहा- कांग्रेस को बिचौलियों से बचाओं, अध्यक्ष और प्रभारी तुरंत तुरंत हो बर्खास्त
पटना। समर्पित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आज बिहार में कांग्रेस पार्टी को बचाने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय सदाक़त आश्रम, पटना में एक शांतिपूर्ण धरना एवं प्रदर्शन का आयोजन किया. इस धरना पर उन नेताओं जिनको कारण बताओ नोटिस देय गई है उनके अतिरिक्त सैकड़ों नेता एवं कार्यकर्त्ता शामिल हुए. धरना में नारा लगा –बिचोलियों को बर्खास्त करो, बिहार कांग्रेस को दलों से बचाओ, बिहार कांग्रेस को दलालों को बहार करो, भाजपा, आर एस एस एवं जदयू को घुसपैठियों को सदाक़त से बहार का रास्ता दिखाओ, कृष्णा अल्लावारू को बर्खास्त करो, तीनो प्रभारी सचिव देवेन्द्र यादव, सुशील पासी एवं शाहनवाज आलम को बर्खास्त करो, राजेश राम कुर्सी छोड़ो, जवाबदेहि तय करो, चुनाव एवं राहुल जी कि यात्रा में हुए खरचे कि जांच हो, वित्तीय अनियमितता कि जाँच हो. धरना सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक चला. धरना में मुख्य नेता एआईसीसी सदस्य, आनन्द माधव, पूर्व मंत्री अफाक आलम, पूर्व विधायक,छत्रपति यादव, पूर्व विधायक, गजानंद शाही उर्फ़ मुन्ना शाही, सुधीर कुमार उर्फ़, बंटी चौधरी, एआईसीसी सदस्य, मधुरेंद्र, कुमार सिंह, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष, राजकुमार राजन, नागेन्द्र पासवान विकल, बांका जिला कांग्रेस अध्यक्ष, कंचना कुमारी, आदित्य पासवान, प्रदुय्मना यादव, प्रवक्ता, सूरज सिन्हा, वरीय कांग्रेस नेत्री, उर्मिला सिन्हा नीलू, रेखा देवी (पटेल), रीना देवी, वरीय कांग्रेस नेता, सौकत अली, वसी अख्तर, कैशर खान, आशुतोष शर्मा, कुमार संजीत, सुदेय शर्मा, राहुल कुमार मिश्रा, धीरेन्द्र सिंह, अब्दुल बांकी सज्जन, शिवनीति पटेल, अजय प्रताप सिंह, राणा अजय सिंह, इम्तियाज़ अहमद अंसारी, रेयाज अली खान, खुशबु कुमारी, रमेश सिंह, राजकुमार शर्मा, शम्मी कपूर, जावेद इकबाल आदि शामिल हुए. इस अवसर पर बोलते हए आनन्द माधव ने कहा कि हमलोगों कि चिंता बिहार में कांग्रेस पार्टी को बचानें की थी, है और रहेगी. हमलोग किसी भी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं थे, वरण हमलोग पार्टी में हो रहे गलत कार्यों, टिकट बंटवारे में लेन देन एवं भाजपा के लोगों को टिकट देनें को उजागर करनें का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हम सब एक समर्पित कांग्रेसी हैं, हमारा लक्ष्य है कांग्रेस को उन ताकतों से बचाने का जो आरएसएस/भाजपा के हाथों खिलौना बना हुआ है, उनके इशारे पर टिकट भी दिया गया, उनके लोगों को भी टिकट दिया गया. पैसे पर बिक रहा था टिकट जिसकी पुष्टी प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम जी ने भी किया है (हाथी-घोडा प्रकरण). सच तो यह है कि नोटिस उन्हें जाना चाहिए ना कि कट्टर कांग्रेसियों को. बिहार कांग्रेस को एक एजेंसी एवं एजेंट कि तरह चलाया जा रहा था. कार्यकर्ता अपमानित हो रहे थे, बहरी लोग चुनाव का पूरा काम देख रहे थे. नतीजा सामने है. पूर्व मंत्री अफाक आलम ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के अनुच्छेद 19, कंडिका 5 (क) में यह वर्णित है कि कारण बताओ सूचना जारी करने के आलोक में जवाब प्रस्तुत करने का प्रावधान कम से कम दो सप्ताह निर्धारित है, अतः किस प्रावधान के अंतर्गत पांच दिनों के अन्दर ही स्पष्टीकरण प्रस्तुत करनें का पत्र निर्गत किया गया, आखिर क्यों? नेता गजानंद शाही ने कहा कि होटल मौर्या में हमलोगों कि मुलाकात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मनोनीत बिहार विधानसभा चुनाव के वरीय पर्यवेक्षक श्री अशोक गहलोत जी एवं राजनितिक रणनीतिकार श्री अविनाश पाण्डेय जी से दिनांक 29/10/2025 एवं 30 को हुई. उनके निर्देश से हमलोग तत्काल प्रभाव से अपनी सारी गतिविधियों को रोकते हुए चुनाव कार्य में लग गए. हममें से अधिकांश लोगों को प्रदेश कांग्रेस द्वारा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए भेजा भी गया. कई लोगों को पार्टी के तरफ से खर्च राशी भी उपलब्ध कराया गया (सूची प्रदेश कांग्रेस के पास है), तो फिर ऐसे लोग पार्टी विरोधी गतिविधि में कैसे शामिल हैं ? दिनांक 3/11/2025 को पुन अशोक गहलोत जी ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल एवं राज्यसभा सदस्य श्री नासिर हुसैन से मिलवाया. हमलोगों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को बिहार विधान सभा चुनाव में पार्टी के अधिकारीयों द्वारा की गई मनमानी, टिकट वितरण में हुई धांधली एवं अनियमितता के सन्दर्भ में एक प्रतिवेदन सौंपा. राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय ने हमलोगों को आश्वासन दिया कि इस प्रतिवेदन एवं आपलोगों के आरोपों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जायेगा एवं चुनाव के बाद हमलोगों को राहुल जी से भी समय दिलवाने का प्रयास होगा. उसके बाद पुनः हमलोग फिर से चुनाव कार्य में लग गए. पूर्व विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि क्या बिहार कांग्रेस हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव संगठन से भी बड़ा है जो उनसे बात होने के बाद भी कारण बताओ सूचना भेजता है? क्या इस सूचना को भेजनें से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से अनुमति ले ली गई थी? अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों के विरुद्ध राज्य कांग्रेस कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकती है. हममें में से कई लोग एआईसीसी के सदस्य भी हैं. बंटी चौधरी ने कहा कि हमारा संघर्ष इस बात को लेकर है कि 2025 बिहार विधान सभा चुनाव परिणाम कि पुनरावृति नहीं हो. हम बिहार कांग्रेस को बचानें के लिए किसी हद तक जानें को तैयार है. राहुल जी का सपना हमारा सपना है. उसे किसी भी कीमत पर पूरा करना है. पटना ग्रामीण के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि हम तब तक लड़ेंगें जब तक बिहार कांग्रेस को आर एस एस एवं भाजपा के दलालों से मुक्त नहीं कर लेंगे.


