October 29, 2025

राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला, वोट चोरी को परमाणु बम से बताया खतरनाक, कहा- काटे जा रहे कांग्रेस के वोटर्स के नाम

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ बड़ी हेरफेर की जा रही है और मतदाताओं के नाम व्यवस्थित रूप से काटे जा रहे हैं। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने इन मुद्दों को विस्तार से रखते हुए कहा कि यह केवल चुनावी गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।
वोट चोरी को बताया लोकतंत्र के लिए परमाणु बम
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि वोट चोरी लोकतंत्र पर किसी परमाणु बम से कम नहीं है। उनके अनुसार, जब नागरिकों के वोट ही व्यवस्थित रूप से काटे जाने लगें तो लोकतंत्र की मूल आत्मा पर चोट होती है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को खासतौर से निशाना बनाया जा रहा है और यह काम तकनीकी साधनों के सहारे किया जा रहा है।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
गांधी ने चुनाव आयोग और खासकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस पूरी प्रक्रिया से अवगत है, लेकिन जानबूझकर जानकारी साझा नहीं कर रहा है। राहुल के मुताबिक, कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे और बेहद सामान्य जानकारी जैसे कि ओटीपी ट्रेल्स और आईपी एड्रेस मांगे, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक यह जानकारी नहीं दी। गांधी ने आरोप लगाया कि आयोग ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वह उन लोगों को बचाना चाहता है जो लोकतंत्र को नष्ट करने की साजिश में शामिल हैं।
कर्नाटक और महाराष्ट्र का उदाहरण
अपने आरोपों को ठोस बनाने के लिए राहुल गांधी ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में किसी ने 6,018 वोट मिटाने की कोशिश की और यह संयोग से पकड़ा गया। इस प्रक्रिया में नकली मतदाता बनाए गए और आवेदन कर्नाटक से बाहर के मोबाइल नंबरों से दाखिल किए गए। इसी तरह, महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र में सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया। गांधी ने इस दौरान मंच पर ऐसे लोगों को भी बुलाया जिनका नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की गई थी। इनमें से एक ने बताया कि उनका वोट किसी और ने डिलीट करने की कोशिश की थी, जबकि उन्हें खुद इसकी कोई जानकारी नहीं थी। इससे स्पष्ट होता है कि पूरी प्रक्रिया में तकनीकी हेरफेर किया जा रहा है।
सॉफ्टवेयर आधारित धांधली का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि यह कोई साधारण गड़बड़ी नहीं है बल्कि योजनाबद्ध तरीके से की जा रही वोट चोरी है। उन्होंने बताया कि सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। उनके अनुसार, अगर चुनाव आयोग आवश्यक तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराता, तो यह साफ हो जाता कि यह ऑपरेशन कहाँ और किसके द्वारा चलाया जा रहा है।
युवाओं से सीधा संवाद
राहुल गांधी ने इस पूरे मुद्दे को युवाओं से भी जोड़ते हुए कहा कि लोकतंत्र में वोट का महत्व सबसे अधिक है। अगर वोट ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो युवाओं का भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस मुद्दे को समझें और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक बनें।
“हाइड्रोजन बम” वाले खुलासे की भूमिका
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने पहले ही अपनी “मतदाता अधिकार यात्रा” के दौरान कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही “वोट चोरी” से जुड़े बड़े खुलासे करेगी जिसे उन्होंने “हाइड्रोजन बम” का नाम दिया था। हालांकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वही बड़ा खुलासा नहीं है, बल्कि उसकी भूमिका है। उन्होंने कहा कि असली खुलासे जल्द सामने आएंगे और तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता का सामना नहीं कर पाएंगे।
पूर्व के आरोपों की याद दिलाई
राहुल गांधी ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने पहले भी 2024 के लोकसभा चुनावों में वोट चोरी के मामले उठाए थे। उनके अनुसार, कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोटों की हेराफेरी की गई थी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक क्षेत्र की बात नहीं है, बल्कि पूरे देश में इस तरह की गतिविधियाँ की जा रही हैं। राहुल गांधी का यह प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि चुनावी व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल है। उन्होंने वोट चोरी को लोकतंत्र पर परमाणु बम करार देते हुए कहा कि यह किसी भी देश के लिए सबसे खतरनाक स्थिति है। उनके आरोपों ने राजनीति में नई बहस को जन्म दिया है और अब सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इन आरोपों पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा या यह मुद्दा केवल राजनीतिक विवाद तक ही सीमित रहेगा।

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