शिक्षक तथा स्नातक विधान परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस ने लगाएं चुनाव आयोग पर आरोप

पटना।कोरोना त्रासदी के बीच चुनाव आयोग बिहार में आम चुनाव की तैयारी कर रहा है।कोरोना त्रासदी तथा लॉकडाउन के दौरान ही विधान परिषद तथा राज्यसभा के चुनाव हुए।अब प्रदेश के 12 जिलों में पंचायती राज संस्थाओं के रिक्त पदों पर भी चुनाव इसी माह के 26 तथा 27 अगस्त को होने हैं।ऐसे में बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने चुनाव आयोग से प्रश्न पूछा है की जब सभी चुनाव को तय समय पर करने का चुनाव आयोग ने इरादा कायम रखा है।तो किसके दबाव में अभी तक विधान परिषद के स्नातक तक तथा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव को स्थगित रखा गया है। राठौड़ ने कहा है कि एक तरफ तो चुनाव आयोग कोरोना महाआपदा काल के दौरान प्रदेश में आम चुनाव करवाए जाने पर अडिग है। तो फिर किन कारणों से बिहार विधान परिषद के 4 स्नातक क्षेत्रों तथा 4 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव को रोक कर रखा गया है।राजेश राठौड़ ने सवालिया लहजे में चुनाव आयोग से पूछा है कि जब विधान परिषद,राज्यसभा,पंचायती राज्य संस्था तथा विधानसभा के आम चुनाव तय समय पर हो सकते हैं।तो फिर सिर्फ 4 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों तथा 4 स्नातक मतदाता निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव को लंबित रखकर चुनाव आयोग क्या संदेश देना चाहता है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है की चुनाव आयोग राजनीतिक दबाव में बिहार विधान परिषद के 8 सीटों के चुनाव को लंबित रखे हुए हैं।उन्होंने कहा की चुनाव आयोग को इस मसले पर जवाब देना चाहिए।उन्होंने कहा कि मतदाता निर्वाचन क्षेत्रों में कोरोना काल के दौरान चुनाव मुश्किल है।तो ऐसे में पूरे प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव की तैयारी किस आधार पर की जा रही है।

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