आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने अभिव्यक्ति की आजादी को कर लिया था कैद : अश्विनी चौबे

पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कांग्रेस की आपातकाल की काली करतूत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। भारतीय लोकतंत्र का सबसे दु:खद व काला अध्याय आपातकाल है। वो संघर्ष और यातना का दौर था। श्री चौबे आपातकाल के विषय पर जिला बक्सर भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आपातकाल के दौरान की यादों को साझा किया। कहा कि उस दिन को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। जेल में घोर यातनाएं दी गई थी। उस समय मेरे जैसे लाखों युवा देश की विभिन्न जेलों में बंद थे। रातों-रात देश को जेल बना दिया गया था। अभिव्यक्ति की आजादी को कैद कर लिया गया था। विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थों के लिए आपातकाल की घोषणा की, जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूं, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा। 21 महीनों तक यातनाओं का दौर चला था। 25 जून 1975 को आपातकाल के विरोध में उठा हर स्वर वंदन का अधिकारी है। बक्सर जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर व सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हुए।

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