राजद के बाद कांग्रेस का भी नीतीश को ऑफर, कहा- बाबा साहब के सपने को पूरा करने साथ आए, हम स्वागत करेंगे
- अजीत शर्मा बोले…नीतीश को रास्ते से हटाने को भारत रत्न की मांग कर रही भाजपा…इनका उद्देश्य जदयू को खत्म करना
भागलपुर। बिहार की सियासत में इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर हलचल तेज है। आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र के बाद अब कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने भी उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के विचारों को साकार करने के उद्देश्य से महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं, तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। भागलपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार में राजनीति का नया दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने सीएम नीतीश को भारत रत्न देने की केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की मांग पर सवाल खड़े किए। अजीत शर्मा ने भाजपा की मंशा पर तंज कसते हुए कहा कि यह समझ से परे है कि अभी से ही मुख्यमंत्री को भारत रत्न देने की बात क्यों की जा रही है। उन्होंने इसे भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि शायद भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहती है।
भाजपा का असली उद्देश्य जदयू को कमजोर करना
अजीत शर्मा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका असली उद्देश्य जदयू को कमजोर करना है। उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार को रास्ते से हटाने की कोशिश कर रही है। यह उनके विकास कार्यों को रोकने और जदयू को खत्म करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
महागठबंधन में आने का निमंत्रण
अजीत शर्मा ने कहा कि अगर नीतीश कुमार संविधान के मूल्यों को साकार करने और आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए महागठबंधन में शामिल होना चाहें, तो कांग्रेस उनका खुले दिल से स्वागत करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब महागठबंधन की सरकार बनाना चाहती है और यह तय हो चुका है कि आगामी चुनाव में इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलेगा।
आरजेडी के बाद कांग्रेस का ऑफर
इससे पहले आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने भी मुख्यमंत्री को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। अब कांग्रेस द्वारा दिए गए इस ऑफर ने बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
भविष्य की राजनीति पर नजरें
बिहार में महागठबंधन के लिए नीतीश कुमार को दिए जा रहे प्रस्ताव और भाजपा पर लगाए गए आरोप आगामी चुनावों में राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन प्रस्तावों पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या इससे बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव होते हैं। कांग्रेस और आरजेडी की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर बिहार की बदलती राजनीति की ओर संकेत कर रहा है। अब यह नीतीश कुमार पर निर्भर है कि वे इन प्रस्तावों को स्वीकार करते हैं या एनडीए में बने रहते हैं। राजनीतिक पंडित इस घटनाक्रम को आगामी चुनावों की तैयारी के तौर पर देख रहे हैं।


