कुर्सी के लिए समझौता करने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, दरभंगा में हुए घटना को लेकर बिफरे विजय सिन्हा

दरभंगा। दरभंगा में पिछले दिनों हुए तनावपूर्ण स्थिति को लेकर शहर के लोगो डरे-सहमे है। बता दे की पिछले दिनों मामूली विवाद को लेकर दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसी कड़ी में आज बिहार भाजपा के नेता विजय सिन्हा अपने 4 सदस्यीय टीम के साथ दरभंगा पहुचे है। उन्होंने जिला के कमतौल व मब्बी थाना क्षेत्र में गत दिनों दो समुदाय के बीच हुए तनाव इलाके का दौरा किया। वही, प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद परिसदन में प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। विजय सिन्हा ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से मांग कि है की इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
यह अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है
वही इस दरमियान उन्होंने नीत्श सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए आज से दरभंगा में 3 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा को बाधित कर रही है। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस तरह की सेवा को बिहार में बाधित की गई हो। वहीं, उन्होंने कहा कि बिहारशरीफ के अंदर किस तरह लूटा गया। राम नवमी के अवसर पर हिंदुओं के साथ अत्याचार किया गया। सासाराम में हमारे पूर्व विधायक जवाहर कुशवाहा को जेल के अंदर बंद कर दिया गया। यह अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है। इस तरह की स्थिति पैदा कर ये लोग राज्य में दहशत पैदा करना चाहती है।
धिक्कार है कुर्सी के लिए समझौता करने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री : विजय सिन्हा
सिन्हा ने आगे कहा कि मणिपुर में एक घटना घटित हुआ है। बिहार में तो ऐसे कई घटनाएं ऐसी घटी है। जिसमें दलित बेटियों के साथ बलात्कार हुआ। वही यह ताजा मामला बेगूसराय का है। जहां का एक वीडियो सभी ने देखा है। किस तरह से दलित बच्ची के वस्त्र को फाड़कर चीर हरण किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि धिक्कार है कुर्सी के लिए समझौता करने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का। इस तरह के कांड में उनकी जवान से आवाज तक नहीं निकल रहा है। आगे विजय सिन्हा ने कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष हर घटना में जाकर के पीड़ित परिवार से मिल रहा है। तो सत्ता में बैठे हस्तिनापुर के धृतराष्ट्र की भूमिका निभाने वाले क्यों नहीं अपने प्रतिनिधि को भेज रहे हैं? क्यों नहीं सच को जानने का प्रयास कर रहे हैं? क्यों नहीं इसका उच्च स्तरीय जांच कराने की हिम्मत कर रहे हैं? अगर उनके अंदर है हिम्मत तो इसकी उच्च स्तरीय जांच करावे। तब जाकर सबके सामने आएगा। ऐसी सत्ता को धिक्कार है जो लोगों की अस्मिता को नहीं बचा सके। महिलाओं की सम्मान को नहीं बचा सके।

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