मुजफ्फरपुर कोर्ट में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ परिवाद दर्ज, 3 फरवरी को होगी सुनवाई

मुजफ्फरपुर/पटना। मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया गया है। कुम्भ स्नान को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुज़फ़्फ़रपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अदालत में भारतीय न्याय संहिता की धारा 302 ,352 और 298 के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे के विरुद्ध परिवाद दर्ज कराया है। सुधीर कुमार ओझा ने अपने आवेदन में कहा है कि खड़गे ने अपनी तुच्छ राजनीति लाभ के लिये हिन्दू धर्म की आस्था से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को मध्य प्रदेश के एक रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे ने एक आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा कि खड़गे ने पूछा था कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है? इस बयान से खड़गे ने करोड़ों सनातनी और हिंदू भाई को आहत किया है। कुंभ मेला में करोड़ों लोग पहुंचकर स्नान कर रहे हैं। जब न्यूज चैनल के माध्यम यह बयान सुना तो मेरी भी भावनाएं आहत हुईं। कोर्ट ने सुनवाई की तिथि 3 फरवरी तय की है। अगर खड़गे के खिलाफ दोष सिद्ध होता है, तो उन्हें एक साल से लेकर तीन साल तक सजा हो सकती है। महू में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- “क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है? क्या इससे खाना मिलता है?” उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी की धार्मिक आस्था का अपमान नहीं करना चाहते और अगर किसी को दुख हुआ हो, तो माफी मांगते हैं। खड़गे ने आगे कहा- ‘जब बच्चा भूखा मर रहा है, स्कूल नहीं जा रहा, मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही, तब कुछ लोग हजारों रुपए खर्च कर के प्रतियोगिताओं में डुबकी लगाते हैं। जब तक टीवी पर अच्छा दृश्य नहीं आता, तब तक ये लोग डुबकी मारते रहते हैं। ऐसे लोगों से देश की भलाई नहीं हो सकती।’

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