जमुई में विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, पति ने मायके जाने से रोका तो उठाया खौफनाक कदम

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जमुई। बिहार के जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई, जहां 20 वर्षीय विवाहिता मंजरी कुमारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुखलेवा गांव के पासवान टोला की है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पति से मायके जाने की अनुमति न मिलने पर नाराज थी मंजरी
मंजरी कुमारी की शादी एक साल पहले बिहार शरीफ के रहने वाले सोनू पासवान से हुई थी। शादी के बाद वह अपने ससुराल में रह रही थी। मंगलवार की देर शाम उसने अपने पति से मायके जाने की इच्छा जताई। हालांकि, सोनू ने धान की बिक्री के बाद मायके भेजने की बात कही। इस पर मंजरी नाराज हो गई और जब उसका पति घर से बाहर गया, तो उसने पंखे में साड़ी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना की सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही बरहट थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही, एसडीपीओ सतीश सुमन और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम ने घटनास्थल की जांच की। पुलिस ने तीन घंटे तक बारीकी से जांच-पड़ताल की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
मायके वालों ने नहीं लगाया कोई आरोप
मृतका के पिता गिरानी पासवान ने थाने में लिखित आवेदन देकर बताया कि उनकी बेटी ने खुदकुशी की है और इसके लिए ससुराल पक्ष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दामाद या अन्य परिजनों ने मंजरी पर कोई अत्याचार नहीं किया था।
पुलिस कर रही हर पहलू से जांच
बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव ने बताया कि पुलिस मामले की हर दृष्टिकोण से जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस सभी संभावनाओं पर काम कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मानसिक तनाव से हो सकती है आत्महत्या की संभावना
आत्महत्या की वजहों की गहराई से जांच की जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जिससे व्यक्ति आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है। मंजरी के आत्महत्या करने के पीछे मानसिक तनाव की भूमिका हो सकती है, जिसे समझने की जरूरत है।
परिवार और समाज को सतर्क रहने की जरूरत
यह घटना एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की अहमियत को दर्शाती है। कई बार व्यक्ति मामूली असहमति या तनाव में आत्महत्या जैसा कदम उठा लेता है, जो उसके परिवार और समाज के लिए दुखदायी होता है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए जरूरी है कि परिवार के लोग एक-दूसरे की भावनाओं को समझें और संवाद बनाए रखें। जमुई जिले की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक तनाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विवाहिता मंजरी कुमारी की आत्महत्या यह बताती है कि पारिवारिक संवाद की कमी कितनी घातक हो सकती है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन इस घटना से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि किसी भी विवाद या तनाव की स्थिति में आत्महत्या कोई समाधान नहीं है, बल्कि समस्या से निपटने के लिए आपसी समझ और धैर्य की जरूरत होती है।
