भोजपुर में आईपीएल में सट्टा हारने के बाद छात्र ने लगाई फांसी, पिता की डांट के बाद की आत्महत्या

भोजपुर। जिले के नवादा थाना क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां आईपीएल में सट्टा लगाने के बाद भारी नुकसान उठाने पर एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि पिता की डांट से आहत होकर छात्र ने यह खौफनाक कदम उठाया। मृतक की पहचान बक्सर जिले के भदारा गांव निवासी निखिल कुमार के रूप में की गई है, जो भोजपुर में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में जैन कॉलेज के पास रह रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, निखिल कुमार स्थानीय कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था और पिछले कुछ समय से आईपीएल क्रिकेट मैचों में सट्टा लगा रहा था। इस दौरान उसने बड़ी मात्रा में पैसे गवां दिए, जिससे परिवार के लोग पहले से ही चिंतित और परेशान थे। उसकी मां ने बताया कि निखिल काफी समय से आर्थिक तंगी में था और परिवार की समझाइश के बावजूद सट्टा लगाना नहीं छोड़ रहा था। मंगलवार की देर शाम वह मोहल्ले में अपने कुछ दोस्तों के साथ बैठा हुआ था। उसी दौरान उसके पिता वहां पहुंचे और सार्वजनिक रूप से उसे सट्टेबाजी को लेकर डांट दिया। दोस्तों के सामने हुई इस फटकार से निखिल काफी आहत हुआ। थोड़ी देर बाद वह घर आया और अपनी मां से खाना मांगा। खाना खाने के बाद उसके पिता ने दोबारा उसे फटकार लगाई और साफ शब्दों में कहा कि अब उसे किसी भी चीज की सुविधा नहीं दी जाएगी। इसके बाद निखिल अपने कमरे में चला गया। काफी देर तक बाहर न आने पर परिजनों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब झांक कर देखा गया तो वह कमरे में फंदे से लटका हुआ था। आनन-फानन में परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। माता-पिता और अन्य परिजन बदहवास हालत में हैं। पुलिस को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन जांच के बाद ही सभी पहलुओं की पुष्टि की जा सकेगी। वहीं, इस घटना ने एक बार फिर से युवाओं में बढ़ रही सट्टेबाजी की लत और मानसिक दबाव को उजागर किया है। समाजशास्त्रियों का मानना है कि युवाओं में सट्टेबाजी की प्रवृत्ति और इंटरनेट पर सुलभ दांव-प्रतिदांव के प्लेटफॉर्म्स ने ऐसे मामलों की संख्या में इजाफा किया है। परिवारों और शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि समय रहते बच्चों को इस खतरनाक आदत से दूर करें और मानसिक रूप से मज़बूत बनाएं। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि सट्टेबाजी जैसी गतिविधियों को गंभीरता से लिया जाए और इनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जाए।

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