वैशाली में पत्नी से झगड़ा के बाद युवक ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान

हाजीपुर। वैशाली जिले के काजीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सहादरपुर गांव में रविवार देर रात एक युवक ने पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान स्व. रामबचन पासवान के पुत्र अजय पासवान (25) के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि अजय का अपनी पत्नी से लंबे समय से विवाद चल रहा था। रविवार को भी दोनों के बीच कहासुनी हुई थी, जिसके बाद अजय ने गुस्से और मानसिक तनाव में आकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। घटना की जानकारी रविवार देर रात डायल 112 पर दो पक्षों में झगड़े की सूचना के रूप में दी गई थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां मारपीट की बजाय एक युवक का शव फंदे से लटका हुआ मिला। काजीपुर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, हाजीपुर भेज दिया। मौके पर पहुंचे अपर थानाध्यक्ष अंकित कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। मृतक के भाई शत्रुधन पासवान ने बताया कि अजय की शादी पांच साल पहले हुई थी और वह परिवार के पांच भाइयों में चौथे स्थान पर था। उसकी पत्नी के साथ अक्सर विवाद होता रहता था। रविवार को भी घरेलू कहासुनी हुई थी, जिसके बाद अजय अपने कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर बाद जब परिजन दरवाजा नहीं खुलने पर चिंतित हुए, तो खिड़की से झांककर देखा कि अजय फंदे से लटका हुआ है। इस दुखद घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजन शव से लिपटकर रो-रो कर बेहाल हैं। मृतक के दो छोटे बेटे हैं, जिनकी उम्र अभी बहुत कम है। पिता की असमय मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अजय मेहनती और शांत स्वभाव का युवक था, लेकिन घरेलू तनाव ने उसे इस कदम के लिए मजबूर कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं, जहां मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह के कारण युवा आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए पंचायत स्तर पर परामर्श केंद्रों की व्यवस्था की जाए। काजीपुर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। यह घटना एक बार फिर पारिवारिक जीवन में संवादहीनता और मानसिक तनाव की गंभीरता को उजागर करती है। जरूरत है कि समाज ऐसे मुद्दों को नजरअंदाज न करे और समय रहते उचित समाधान की दिशा में कदम उठाए, ताकि एक और अजय समय से पहले जीवन को अलविदा न कहे।

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