नालंदा में दो बाइकों की टक्कर से भीषण हादसा, दो युवकों की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल
नालंदा। बिहार के नालंदा जिले में एक भयावह सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। चंडी थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव के पास दो बाइकों की आमने-सामने हुई भिड़ंत में दो युवकों की जान चली गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया और हर ओर गमगीन माहौल हो गया।
हादसे की पूरी घटना
घटना उस समय हुई जब तेज रफ्तार में आ रही दो बाइकें आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक युवक आयुष्मान कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। आयुष्मान, मनियारपुर गांव निवासी रंजन कुमार का 15 वर्षीय पुत्र था। दूसरा मृतक पल्सर बाइक का चालक था जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। हादसे के तुरंत बाद घायलों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें बिहारशरीफ सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घायलों की स्थिति
इस हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें मनियारपुर गांव के सूरज कुमार और रविकांत कुमार के अलावा एक महिला भी शामिल है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है। सभी घायलों का इलाज बिहारशरीफ सदर अस्पताल में चल रहा है और उनकी स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
ग्रामीणों का बयान
गांववालों ने बताया कि मनियारपुर गांव का एक युवक पूजा करने के लिए अपनी बाइक लेकर जगदम्बा स्थान गया था। पूजा से लौटते समय दौलतपुर गांव के पास अचानक सामने से एक ट्रक आ गया। ट्रक से बचने के चक्कर में उसकी बाइक का संतुलन बिगड़ गया और पल्सर बाइक से सीधी भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि दोनों बाइकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और सवार सड़क पर दूर-दूर तक जा गिरे।
पुलिस की कार्रवाई
हादसे की जानकारी मिलते ही चंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी है और मामले की छानबीन की जा रही है। अभी तक पल्सर बाइक चालक की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है, जिसके लिए पुलिस प्रयासरत है।
गांव में पसरा मातम
हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुंची, मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। परिवारजन रो-रोकर बेहाल हो गए। पूरे मनियारपुर गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। ग्रामीण इस घटना को तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग का नतीजा मान रहे हैं। उनका कहना है कि इलाके की सड़कों पर अक्सर वाहनों की रफ्तार बेकाबू रहती है और इसी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं घटती रहती हैं।
बिहार में सड़क हादसों की स्थिति
यह पहली बार नहीं है जब नालंदा या बिहार के किसी हिस्से में ऐसा हादसा हुआ हो। राज्य में सड़क दुर्घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। सरकारी आंकड़े भी बताते हैं कि हर दिन सड़क हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न करना, हेलमेट और सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करना और लापरवाह ड्राइविंग ही इन घटनाओं की सबसे बड़ी वजह है।
सुरक्षा पर उठे सवाल
नालंदा की इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है। ग्रामीणों की ओर से प्रशासन से मांग की जा रही है कि इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए और तेज रफ्तार वाहनों पर अंकुश लगाया जाए। लोगों का कहना है कि जब तक सख्ती नहीं होगी, तब तक इस तरह के हादसे रुकना मुश्किल है। नालंदा की यह घटना केवल दो परिवारों का दर्द नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। लापरवाही और तेज रफ्तार ने दो मासूम जिंदगियां छीन लीं और तीन लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। यह हादसा साफ संदेश देता है कि सड़क पर एक छोटी सी चूक भी किसी के जीवन को छीन सकती है। ऐसे में लोगों को स्वयं भी ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए और प्रशासन को भी सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। तभी ऐसी त्रासदियों से बचा जा सकता है।


