सीवान में ट्रक और पिकअप टक्कर से भीषण हादसा, तीन की दर्दनाक मौत, मचा अफरा-तफरी
सीवान। बिहार के सीवान जिले में एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। महाराजगंज थाना क्षेत्र के अफराद मोड़ के समीप सोमवार की आधी रात को एक ट्रक और पिकअप वाहन के बीच हुई आमने-सामने की टक्कर में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा इतना भीषण था कि घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग दौड़कर मदद के लिए पहुंचे।
घटनास्थल पर मची अफरा-तफरी
हादसा रात के समय हुआ, जब अधिकतर लोग अपने घरों में सो रहे थे। जैसे ही टक्कर की आवाज़ आई, आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। वहां का दृश्य बेहद दर्दनाक था। दोनों वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके थे और पिकअप सवार तीनों व्यक्ति गंभीर रूप से घायल अवस्था में दिखाई दिए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घायलों को बाहर निकालने में सहायता की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
मृतकों की पहचान और पृष्ठभूमि
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान आंदर थाना क्षेत्र के आंदर बाजार निवासी भोला साह, अली हुसैन और संजलपुर निवासी अरविंद कुमार गोंड के रूप में की गई है। तीनों लोग पिकअप वैन से मुजफ्फरपुर से आम लेकर लौट रहे थे। वे अपने रोज़गार से जुड़े कार्य में लगे हुए थे और व्यापारिक उद्देश्य से माल ला रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और एक भयानक दुर्घटना ने उनकी जीवन यात्रा को बीच रास्ते में ही समाप्त कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई और पोस्टमार्टम
सूचना मिलने के बाद महाराजगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण (पोस्टमार्टम) के लिए भेज दिया। पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को भी जब्त कर लिया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। ट्रक चालक के संबंध में फिलहाल जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन यह आशंका जताई जा रही है कि या तो ट्रक चालक को नींद आ गई होगी या ओवरटेक करने की कोशिश में यह हादसा हुआ होगा।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और दुख
इस घटना ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। गांव के लोग भारी मन से मृतकों के परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र दुर्घटनाओं के लिए पहले से ही कुख्यात रहा है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं। अफराद मोड़ के पास सड़क संकरी है और रात के समय रोशनी की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे हादसे की संभावना और अधिक बढ़ जाती है।
सड़क सुरक्षा पर उठते सवाल
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से बिहार में सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अक्सर देखा गया है कि ट्रक चालकों द्वारा लापरवाही बरती जाती है, जैसे तेज़ गति से वाहन चलाना, नींद में गाड़ी चलाना या ओवरलोडिंग करना। इसके साथ ही पिकअप या छोटे व्यवसायिक वाहनों के चालकों पर भी दबाव होता है कि वे तेजी से माल पहुंचाएं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। सरकार और परिवहन विभाग को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां सड़क सुरक्षा के बेहतर उपाय सुनिश्चित करें। सीवान में हुए इस भीषण हादसे ने तीन परिवारों को हमेशा के लिए दुख में डुबो दिया है। आम जीवन की सामान्य दिनचर्या को निभाते हुए घर लौट रहे लोग अचानक काल के गाल में समा गए। यह घटना न केवल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि समाज के लिए भी यह सोचने का विषय है कि सड़क पर हर वक्त सतर्क रहना क्यों जरूरी है। इस तरह के हादसों से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन और प्रशासन की सक्रियता दोनों ही अनिवार्य हैं।


