November 12, 2025

प्रदेश में नवंबर में बढ़ेगी ठंड, सामान्य से अधिक होगी बारिश, तापमान पर पड़ेगा असर

पटना। बिहार में नवंबर का महीना आमतौर पर साफ आसमान, हल्की ठंड और रबी फसलों की शुरुआत के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार मौसम का मिजाज कुछ अलग रहने वाला है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इस साल नवंबर में ठंड की शुरुआत तो समय पर होगी, मगर बारिश सामान्य से अधिक दर्ज की जा सकती है। इससे न केवल तापमान पर असर पड़ेगा, बल्कि कृषि और दैनिक जीवन पर भी इसका प्रभाव दिखाई देगा।
ठंड की दस्तक के साथ बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार बिहार में नवंबर महीने के दौरान औसतन 4.57 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन 2025 में यह आंकड़ा इससे काफी अधिक रहने की संभावना है। राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय रहने वाले पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव क्षेत्र इस बारिश के प्रमुख कारण होंगे। इन प्रणालियों के चलते दक्षिण-पूर्वी और मध्य बिहार के कई हिस्सों में छिटपुट बारिश या बूंदाबांदी जारी रह सकती है। विशेष रूप से, नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में पटना, गया, नालंदा, भागलपुर, और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में बादलों की उपस्थिति और हल्की वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के तापमान में हल्की गिरावट होगी, लेकिन ठंड का प्रभाव अभी पूर्ण रूप से महसूस नहीं होगा।
बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का असर
इस साल मौसम में बदलाव की एक बड़ी वजह बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का तापमान बढ़ना भी माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों समुद्री क्षेत्रों में सामान्य से थोड़ी अधिक गर्मी बनी हुई है, जिसके कारण नमी वाली हवाएं अब भी बिहार तक पहुंच रही हैं। यही हवाएं मानसूनी प्रभाव जैसी परिस्थितियां पैदा कर रही हैं, जिससे नवंबर में भी बारिश की स्थिति बन रही है। मौसम विभाग ने बताया है कि यह परिस्थिति बिहार के सामान्य मौसम चक्र से थोड़ी अलग है। आमतौर पर इस महीने में आसमान साफ और हवा शुष्क होती है, लेकिन इस बार आर्द्रता अधिक रहेगी। इसका असर तापमान के साथ-साथ सुबह-शाम के मौसम पर भी पड़ेगा।
तापमान रहेगा सामान्य से अधिक
मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष बिहार में नवंबर के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिले जैसे कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद को छोड़कर बाकी जिलों में दिन का तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ऊंचा रहने की उम्मीद है। आम तौर पर नवंबर में रात का तापमान 15 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, लेकिन इस बार यह 17 से 19 डिग्री तक जा सकता है। राजधानी पटना में अधिकतम तापमान लगभग 29 डिग्री और न्यूनतम 19 डिग्री के आसपास रहेगा। इसका अर्थ यह है कि दिन के समय हल्की गर्मी और शाम को सुहावनी ठंड महसूस होगी।
ठंड की वास्तविक शुरुआत 20 नवंबर के बाद
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में वास्तविक ठंड की शुरुआत 20 नवंबर के बाद होगी, जब उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली सूखी और ठंडी हवाएं राज्य में प्रवेश करेंगी। इन हवाओं के आने से सुबह और शाम के तापमान में अचानक गिरावट आएगी। इसके बाद धुंध और कोहरे का असर भी दिखना शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार दिसंबर के महीने से ठंड का प्रभाव अधिक बढ़ेगा और जनवरी में कड़ाके की सर्दी देखने को मिल सकती है। फिलहाल नवंबर के पहले दो सप्ताह तक हल्की बारिश और नमी वाला मौसम बना रहेगा।
रबी फसलों के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
कृषि के दृष्टिकोण से देखा जाए तो नवंबर के पहले पखवाड़े का यह नमी भरा मौसम किसानों के लिए थोड़ी चुनौती पेश कर सकता है। सामान्यतः इस समय गेहूं, सरसों और चने जैसी रबी फसलों की बुआई शुरू हो जाती है, लेकिन अधिक नमी और देर से गिरते तापमान के कारण बुआई में देरी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसान बारिश के बाद मिट्टी में उचित नमी स्तर आने तक बुआई टालें। देर से होने वाली ठंडक रबी फसलों की अंकुरण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, यह स्थिति अस्थायी होगी और 20 नवंबर के बाद ठंड के बढ़ने से बुआई का मौसम अनुकूल हो जाएगा।
अक्टूबर में भी रहा मौसम असामान्य
यह पहली बार नहीं है जब बिहार में मौसम सामान्य पैटर्न से अलग रहा हो। अक्टूबर महीने में भी राज्य में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। पूरे बिहार में औसत से 169 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी। सबसे अधिक वर्षा सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही क्षेत्र में हुई, जहां 24 घंटे में 385 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस असामान्य बारिश ने कई जिलों में धान की कटाई और खेतों की तैयारी को प्रभावित किया था। इस बार बिहार में नवंबर का महीना ठंड की सामान्य शुरुआत से अलग रहेगा। अधिक बारिश, बढ़ी हुई नमी और थोड़ा ऊंचा तापमान राज्य के मौसमी चक्र को प्रभावित करेंगे। हालांकि, महीने के उत्तरार्ध में जब उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज होंगी, तब जाकर सर्दी पूरी तरह दस्तक देगी। किसानों को भी इस बदलाव के अनुसार अपनी खेती की रणनीति तय करनी होगी। यह नवंबर बिहार के लिए बदलाव भरा, लेकिन थोड़ी चुनौतीपूर्ण मौसम यात्रा लेकर आएगा।

You may have missed