संसद में न्याय संहिता से जुड़े तीनों विधेयक का पास होना देशवासियों के लिए गौरव का विषय : रजनीश

  • न्याय से जुड़े तीनों बिल से देशवासियों को मिलेगी जल्द समुचित न्याय व अंग्रेजी क़ानूनो से मुक्ति : रजनीश

पटना। संसद में देश के न्याय व्यवस्था से जुड़े तीनों कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल गुरुवार को संसद में पास हो गए। संसद से बिलों की स्वीकृति पर भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा लीगल सेल के सह-संयोजक रजनीश कुमार तिवारी ने कहा कि संसद में तीनों विधेयक का पास होना देशवासियों के लिए गौरव का विषय है। इन तीनों बिलों पर राष्ट्रपति के साइन के साथ यह पूरी तरीके से कानून बन जाएगी और देश के न्यायिक व्यवस्था में नयी क्रांति देखने को मिलेगी। जिससे देश के नागरिकों को न्याय व्यवस्था में त्वरित न्याय मिलेगा साथ ही लोगो को इस क़ानून से न्याय प्रकिया में काफ़ी सहूलियत देखने को मिलेगा। तिवारी ने आगे कहा कि यह तीनों क़ानून ब्रिटिश एरा द्वारा बनाया गया आईपीसी, सीआरपीसी एवं इंडियन एविडेंस एक्ट को रिप्लेस करेगी जो अंग्रेजो द्वारा भारतीयो के हित को नजरअंदाज़ करते हुए अपनी सहूलियत को ध्यान में रखकर उपरोक्त क़ानून बनाये गयें थे। आज के परिवेश में यह कानून बिल्कुल भी सटीक नहीं बैठती, बहुत सारी ख़ामियाँ इस कानून में है और भाजपा की मोदी सरकार द्वारा लाया गया तीनों विधेयक का उद्देश्य न्याय के साथ दंड देना है। यह पूरी तरीक़े से भारतीय आत्मा के साथ बनाया गया हैं। इन तीनों कानून से किसी भी विवाद का निपटारा 3 साल के अंदर व पुलिस द्वारा जो जांच में लापरवाही बरती जाती थी, उचित जांच नहीं होता था पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता था। उन्हें बहुत बड़ी राहत मिलेगी। स्पेशल कोर्ट का गठन, स्पीडी ट्रायल 15 दिनों के अंदर पुलिस रिपोर्ट की स्थिति समेत पीड़ितों को जांच की स्थिति से अवगत कराना आदि बहुत सारी प्रमुख चीज नए कानून में प्रावधान किया गया है। संसद से तीनों बिल पास होने पर भाजपा की मोदी सरकार बधाई की पात्र है। देश के इतिहास में इतनी बड़ी न्यायिक व्यवस्था में परिवर्तन से न्यायिक के क्षेत्र में इतनी बड़ी क्रांति का काम सिर्फ भाजपा सरकार ही कर सकती थी।

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