चिराग पासवान की बड़ी मांग, कहा- पीके के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराये सीएम, एनडीए की छवि हो रही खराब
पटना। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को बिहार की राजनीति में एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सामने आए आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और किसी भी तरह की गलतफहमी न रहे। चिराग ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रशांत किशोर (पीके) द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और मुख्यमंत्री को चाहिए कि इन आरोपों पर निष्पक्ष जांच करवाकर स्थिति साफ करें।
एनडीए की छवि पर असर की चिंता
चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष लगातार सरकार और खासकर एनडीए नेताओं पर सवाल उठा रहा है। इससे जनता के बीच नकारात्मक संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा—“एनडीए की छवि खराब हो रही है। इसलिए जरूरी है कि जिन पर आरोप लगाए गए हैं, वे सामने आकर जवाब दें और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाए।” चिराग ने यह भी कहा कि यह मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से आगे बढ़ चुका है और अब इसकी जांच जरूरी हो गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में भी जब एक मंत्री पर आरोप लगे थे, तब सत्ता में आने के बाद उस मामले की जांच नहीं हुई। ऐसे में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि एनडीए आरोपों से बच रहा है।
पीके के आरोपों पर चिराग का रुख
चिराग पासवान ने साफ कहा कि प्रशांत किशोर के आरोपों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यदि वे आरोप लगा रहे हैं तो उन पर विचार होना चाहिए और यह देखना चाहिए कि कितनी सच्चाई है। उन्होंने कहा—“पीके जो आरोप लगा रहे हैं, वो जांच का विषय है। जिन पर आरोप लगाए गए हैं, वे सक्षम हैं और उनका जवाब देंगे। आरोप लगाने वाले आरोप लगाएंगे और जवाब देने वाले जवाब देंगे। अंततः सच सामने आएगा।”
विपक्ष पर पलटवार
चिराग ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष केंद्र सरकार और एनडीए पर बेवजह आरोप लगाने में लगा है। उन्होंने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की फाइनल रिपोर्ट आने दीजिए, तभी पता चलेगा कि कौन कितनी राजनीति कर रहा है। चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले का केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
जांच ही है समाधान
चिराग ने जोर देकर कहा कि केवल जांच के माध्यम से ही सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने कहा कि आरोपों और जवाबों के इस दौर में जनता उलझन में पड़ जाती है। अगर जांच हो, तो सबकुछ साफ हो जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाना समय की मांग है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
गौरतलब है कि हाल के दिनों में प्रशांत किशोर और कई विपक्षी नेताओं ने बिहार सरकार और खासकर उपमुख्यमंत्री पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है। विपक्ष लगातार एनडीए पर हमलावर है और भ्रष्टाचार के मुद्दे को चुनावी एजेंडे में बदलने की कोशिश कर रहा है। वहीं, एनडीए नेताओं का कहना है कि विपक्ष मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहा है। इस बीच चिराग पासवान का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे खुद केंद्र सरकार में मंत्री हैं और एनडीए के अहम चेहरों में से एक हैं।
जनता की उम्मीदें
चिराग पासवान ने कहा कि जनता सच जानना चाहती है। यदि आरोप निराधार हैं तो यह सामने आना चाहिए और यदि उनमें सच्चाई है तो दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में पारदर्शिता जरूरी है और यही एनडीए की ताकत भी है।
एनडीए के भीतर दबाव
विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का यह बयान एनडीए के भीतर दबाव की स्थिति पैदा कर सकता है। जहां एक ओर एनडीए विपक्ष के आरोपों को नकारने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर चिराग ने निष्पक्ष जांच की मांग कर इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। बिहार की राजनीति इस समय आरोप-प्रत्यारोप के दौर से गुजर रही है। प्रशांत किशोर और विपक्षी दल जहां भ्रष्टाचार के मुद्दे को हवा दे रहे हैं, वहीं चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग कर माहौल को और गरमा दिया है। उन्होंने कहा कि जांच से ही सच सामने आएगा और एनडीए की छवि भी साफ होगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री इस मांग पर क्या कदम उठाते हैं और एनडीए इस चुनौती का सामना कैसे करता है।


