सीएम नीतीश ने की भगवान बुद्ध, बोधिवृक्ष एवं आनंद बोधि वृक्ष की पूजा-अर्चना

  • बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भगवान बुद्ध की 2566वीं जयंती के अवसर पर बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। वहीं मुख्यमंत्री ने बोधिवृक्ष एवं आनंद बोधि वृक्ष की पूजा-अर्चना की। बौद्ध भंते ने मुख्यमंत्री को पूजा अर्चना कराई। मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि के सामने भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की परिक्रमा की और ध्यान किया। उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं के साथ बैठकर विश्व शांति के लिए मंगल कामना की तथा राज्य एवं देश की सुख समृद्धि एवं अमन चैन की कामना की। मुख्यमंत्री को बौद्ध भंते द्वारा प्रतिस्थापित बुद्ध की प्रतिमा तथा बोधगया का बोधिवृक्ष तथा श्रीलंका के अनुराधापूरम से लाये गए वृक्ष की पूजा अर्चना करायी गई। मुख्यमंत्री ने विपश्यना केंद्र जाकर वहां की सारी व्यवस्थाओं की जानकारी ली और वहां ध्यान भी किया। विपश्यना केंद्र के संचालकों ने केंद्र के निर्माण एवं वहां उपलब्ध करायी जानेवाली सुविधाओं को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
विपश्यना केंद्र में ध्यान के पश्चात अपने शुभ संकल्प संबोधन में सीएम नीतीश ने कहा कि विपश्यना केंद्र बनाने को लेकर एक टीम जिस दिन मुझसे मिली थी उसी दिन इसके विशेषज्ञ सत्यनारायण गोयनका जी का निधन हो गया था। यह संयोग है कि जब यह तय किया गया तो वो उसी दिन चले गए। उन्हीं की आवाज में 10 मिनट का यह ध्यान किया जाता है। वैसे तो हमलोग पहले से ही इसे बना रहे थे। जब विपश्यना के बारे में पूरी जानकारी मिल गई तो यह तय किया कि यहां विपश्यना केंद्र बनाया जाएगा। आप ही लोगों के अनुरूप और आपके अनुकूल इसे बना दिया गया। मुझे बड़ी खुशी हुई जब यह बनकर तैयार हो गया। मुझे पूरा भरोसा है कि विपश्यना के बारे में लोग जानेंगे। इसकी सबसे पहले शुरूआत मुंबई में हुई थी। अब यहां पर शुरू हो गया है बहुत अच्छी बात है। इसको प्रचारित कीजिए ताकि लोग इसके बारे में जानें। अब तो बच्चे-बच्चियां भी यहां आ रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भी सुबह टहलने के बाद 10 मिनट विपश्यना प्रक्रिया करते हैं तो काफी अच्छा महसूस होता है। यहां पर आकर 10 दिनों तक लोग पूरे तौर पर एक-एक चीज को समझेंगे और एक-एक चीज का अध्ययन करेंगे। यहां विपश्यना में आने वाले लोगों के लिए रहने, खाने की व्यवस्था की गई है। एक-एक चीज का ख्याल रखा गया है। हमारे अधिकारी इसके लिए तत्पर हैं। किसी प्रकार की कोई जरुरत होगी तो उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली का अलग महत्व है। यहां बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय बहुत अच्छे ढंग से बनाया जा रहा है। बिहार में टूरिस्ट की संख्या बढ़ती जा रही है। देश के लोग तो यहां आते ही हैं, विदेशों से भी भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटक बोधगया और राजगीर तो जाते ही हैं हम चाहते हैं कि वे वैशाली भी जाएं। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। राजगीर में वे उपदेश देते थे, यहां आकर रहते भी थे। राजगीर में वो जहां रहते थे उसका भी एक्सपेंशन किया गया है। भगवान बुद्ध ने वैशाली में पहली बार महिलाओं का बौद्ध संघ में प्रवेश कराया था। यहां जहां बुद्ध स्मृति पार्क बना हुआ है, वहां पहले जेल हुआ करता था। हमलोग भी जेपी मूवमेंट में यहां जेल में रहे थे। उन्होंने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क में लोग आएंगे और सब कुछ जानेंगे। ये अच्छी बात है कि बच्चे-बच्चियों को भी इसमें रुचि बढ़ रही है, इससे उनका ज्ञान बढ़ेगा और मन भी मजबूत होगा।


इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने बुद्ध म्यूजियम का भी भ्रमण किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, मंत्री अशोक चौधरी, पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, डीएम चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव अरविंद सिंह, बौद्ध भंते सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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