CM नीतीश ने 12 DM के साथ VC के माध्यम से बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की, दिए अलर्ट मोड में रहने के निर्देश

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को प्रथम चरण में सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गंगा नदी के दक्षिणी छोर के दीघा घाट, भद्रघाट, कंगन घाट एवं गांधी घाट का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने जेपी सेतु होते हुये सोनपुर एवं हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से निरीक्षण करने के उपरांत दूसरे चरण में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दीघा से मोकामा तक, राघोपुर, बख्तियारपुर, पंडारक, बाढ़ से सटे दियारा इलाकों, मोकामा के टाल इलाकों, समस्तीपुर के मोहद्दीनगर, बेगूसराय के बछवाड़ा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण से लौटने के उपरांत मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। संबद्ध 12 जिलों बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिलाधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा के दौरान जुड़े हुये थे। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने नदियों के जलस्तर की अद्यतन स्थिति की जानकारी, बाढ़ संर्घषात्मक कार्य तथा राहत एवं बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य प्रत्यय अमृत ने आपदा राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। बक्सर, भोजपुर, सारण, वैषाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुॅगेर, भागलपुर एवं कटिहार जिले के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में गंगा नदी के जलस्तर की स्थिति, प्रभावित जनसंख्या की स्थिति, कम्युनिटी किचेन, बाढ़ राहत षिविर, पषु राहत शिविर तथा बाढ़ से बचाव एवं किये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी दी।


समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और जैसी की सूचना है, अभी और बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुये सभी जिलाधिकारी पूरी तरह अलर्ट मोड में रहें। प्रभावित लोगों से सम्पर्क बनाये रखें और पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी की सहायता करें। जल संसाधन विभाग लगातार तटबंधों एवं नदियों के जलस्तर की निगरानी करते रहें एवं इसमें स्थानीय लोगों की भी सहायता लें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि पशु राहत शिविर में पशुओं के चारे की पूरी व्यवस्था रखें। विस्थापित लोगां को राहत शिविरों में एसओपी के अनुसार सारी सुविधायें उपलब्ध करायें। बाढ़ राहत शिविर में जन्म लेने वाली बच्ची को 15 हजार रुपए तथा बच्चे को 10 हजार रुपए की राशि देने का पूर्व से ही जो प्रावधान किया गया है, इसे लाभार्थियों को तत्काल उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुयी हैं, जलनिकासी के पश्चात तुरंत उसकी मरम्मति कार्य करायें। पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग अपने अभियंताओं से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पथों की स्थिति का प्रतिदिन अपडेट लें। कृषि विभाग तथा पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिलाधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहें। जल संसाधन विभाग एवं सभी जिलाधिकारी गंगा नदी के साथ-साथ सभी नदियों के जलस्तर का अपडेट लेते रहें और तटबंधों की सतत् निगरानी करते रहें। अगर कहीं पर किसी प्रकार की क्षति हो तो वहां राहत एवं बचाव कार्य के लिए तत्काल कदम उठाएं। दियारा और टाल क्षेत्रों पर विषेष निगरानी रखें। कम्युनिटी किचेन की भी पूरी तैयारी रखें। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को तुरंत सहायता पहुंचायी जाय।

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