November 1, 2025

पटना से सीएम नीतीश ने बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में भेजी राशि, डीबीटी से सात हजार रुपए का मिला लाभ

पटना। पटना से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए राहत राशि वितरण की एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की। यह कार्यक्रम 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली द्वारा प्रभावित परिवारों के खातों में सहायता राशि भेजी। इस योजना के अंतर्गत 12 बाढ़ प्रभावित जिलों के 6 लाख 51 हजार 602 परिवारों को सात-सात हजार रुपये की दर से कुल 456 करोड़ 12 लाख रुपये की राशि दी गई।कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन विभाग और विकास आयुक्त ने जानकारी दी कि अगस्त महीने में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। इसके अलावा, पड़ोसी राज्य में भारी वर्षा होने से नालंदा जिले के कुछ प्रखंड भी प्रभावित हुए। अब तक राज्य के 12 जिलों के 66 प्रखंडों की लगभग 38 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित बताई गई है। सरकार ने राहत कार्यों को तेज गति से लागू किया है। अब तक बाढ़ प्रभावित परिवारों में 2 लाख 19 हजार पॉलीथीन शीट्स और 57 हजार 639 ड्राई राशन पैकेट बांटे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, 14 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 15 हजार लोग ठहरे हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों की भोजन व्यवस्था के लिए सामुदायिक रसोई केंद्र भी चलाए जा रहे हैं, जहां अब तक करीब 85 लाख लोगों को भोजन कराया गया है। राहत शिविरों में न केवल मानव चिकित्सा बल्कि पशु चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है ताकि बाढ़ से प्रभावित पशुधन की देखभाल हो सके।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने 13 अगस्त को बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी और 14 अगस्त को चार जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन किया था। इसके बाद उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि 20 अगस्त तक सभी प्रभावित परिवारों को राहत राशि मिल जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने और बाढ़ पीड़ितों को संवेदनशीलता के साथ सहायता करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि बाढ़ का खतरा अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सितंबर में भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना बनी हुई है, इसलिए तैयारी लगातार जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है और सरकार उनकी सहायता में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। इस प्रकार, सरकार ने न केवल वित्तीय सहायता प्रदान की है, बल्कि राहत सामग्री, भोजन, चिकित्सा और आश्रय जैसी व्यवस्थाओं से भी बाढ़ प्रभावित जनता की सहायता सुनिश्चित की है। यह कदम राज्य सरकार की संवेदनशीलता और आपदा प्रबंधन के प्रति सक्रियता को दर्शाता है।

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