विधानसभा में मोबाइल के प्रयोग पर भड़के सीएम, कहा- यहां मोबाइल बैन हो, इससे धरती जल्द खत्म हो जाएगी

- विधान परिषद में फिर दिखाई नीतीश और राबड़ी की तकरार, सीएम ने कहा- तुम्हें कुछ मालूम है, पति ने बना दिया
पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुस्सा मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर फूट पड़ा। जहानाबाद से राजद विधायक सुदय यादव जब सदन में मोबाइल देखकर सवाल पूछ रहे थे, तभी मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई और सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा में कोई भी सदस्य मोबाइल लेकर न आए और अगर ऐसा हो रहा है, तो स्पीकर को उन सदस्यों को सदन से बाहर कर देना चाहिए।
मोबाइल के दुष्प्रभाव पर नीतीश कुमार का बयान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोबाइल फोन के नुकसान पर चर्चा करते हुए कहा कि साल 2019 तक वे भी मोबाइल इस्तेमाल करते थे, लेकिन जब उन्हें इसके दुष्प्रभावों का पता चला, तो उन्होंने इसका उपयोग पूरी तरह से छोड़ दिया। उन्होंने यह तक कह दिया कि अगर मोबाइल का इस्तेमाल इसी तरह चलता रहा, तो 10 साल में धरती ही खत्म हो जाएगी। उनके इस बयान के बाद सदन में हलचल मच गई और कई विधायक आपस में चर्चा करने लगे।
नारायण मेडिकल कॉलेज को लेकर विवाद
सदन में उस समय हंगामा बढ़ गया जब नारायण मेडिकल कॉलेज की जमीन खाली कराने का मुद्दा उठा। यह कॉलेज एक भाजपा नेता का बताया जा रहा है और सरकारी जमीन पर बना हुआ है। सरकार ने इसे साल 2027 तक खाली कराने की तारीख तय की है, लेकिन विपक्ष इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहा था। इस मुद्दे को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ और विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से बाहर निकल गए।
विधान परिषद में नीतीश और राबड़ी देवी के बीच तकरार
विधान परिषद में भी माहौल गरम रहा। श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को अपराध पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने अपने बेटे के अपहरण का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि फिरौती की मांग विपक्ष के एक नेता ने ही की थी। इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष की नेता राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस हो गई। सीएम ने राबड़ी देवी से कहा, “तोरा कोंची मालूम है” (तुम्हें क्या मालूम है)। इसके बाद उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उनके पति (लालू प्रसाद यादव) के निलंबन के बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया था। नीतीश कुमार की इस टिप्पणी पर विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर गए।
पीडीएस दुकानदारों के मानदेय की मांग
गुरुवार सुबह जब बिहार विधानमंडल की कार्यवाही शुरू होने वाली थी, उससे पहले राजद के विधायकों ने पोर्टिको में प्रदर्शन किया। वे पीडीएस दुकानदारों का मानदेय बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी भी की।
मद्य निषेध मंत्री ने पूर्व मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
इस बीच, बिहार सरकार के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने पूर्व मंत्री सर्वजीत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री शराब के कारोबार में लिप्त रहे हैं। यह बयान आते ही विपक्षी विधायकों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और विधान परिषद की कार्यवाही बाधित हो गई।
विपक्ष का वॉक आउट और नारेबाजी
विधान परिषद में विपक्षी विधायकों ने लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में ही राजद के विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इस दौरान विपक्ष की नेता राबड़ी देवी भी सदन में मौजूद थीं। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी और विधान परिषद के सभापति ने विपक्षी विधायकों को पहले सत्र के लिए सदन से बाहर जाने को कह दिया। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में गुरुवार का दिन राजनीतिक गरमाहट से भरा रहा। एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोबाइल के उपयोग को लेकर सख्त रवैया अपनाया, वहीं दूसरी ओर नारायण मेडिकल कॉलेज और अपराध के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई। अब देखना होगा कि इन विवादों पर सरकार और विपक्ष के बीच आगे क्या रुख अपनाया जाता है।
