November 1, 2025

पटना में मुख्यमंत्री ने 5353 अभ्यर्थियों को दिया नियुक्ति पत्र, अनुकंपा से नौकरी, कहा- अच्छे से काम करिए, आप पर बड़ी जिम्मेदारी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी का अवसर मिला। यह अवसर केवल एक साधारण नियुक्ति नहीं बल्कि परिवार की कठिन परिस्थितियों में सहारा प्रदान करने और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने का प्रयास है। मंगलवार को राजधानी पटना स्थित संवाद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 5,353 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इनमें 4,835 विद्यालय लिपिक और 518 विद्यालय परिचारी शामिल हैं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर सभी नियुक्त अभ्यर्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह नौकरी केवल रोजगार का साधन न मानकर सेवा का अवसर समझा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग में नियुक्त होने वाले सभी कर्मियों की जिम्मेदारी बड़ी है, इसलिए उन्हें ईमानदारी और निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एक हल्के-फुल्के अंदाज में अभ्यर्थियों को मुस्कुराते हुए नियुक्ति पत्र लेने का सुझाव दिया, जिससे समारोह का वातावरण और भी सकारात्मक और खुशनुमा हो गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ भी मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति का विषय अटका हुआ था। इस संबंध में मुख्यमंत्री और अधिकारियों से कई बार चर्चा हुई और अंततः नीतीश कुमार की पहल पर इसे कैबिनेट में स्वीकृति मिली। अब जाकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल पाया है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में जिलों में भी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा और इसके लिए अधिकारियों को निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया कि यह पहल केवल नियुक्ति प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सक्षम बनाने का प्रयास है। उनके अनुसार, अनुकंपा से मिलने वाली यह नौकरी उन परिवारों के लिए सहारा बनेगी, जिनके अभिभावक या आश्रित की मृत्यु या अन्य वजह से परिवार पर संकट आया है। इस कदम से न केवल जरूरतमंद परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि विद्यालयों में प्रशासनिक और सहायक कार्यों की स्थिति भी मजबूत होगी।इस प्रकार, यह कार्यक्रम दोहरे उद्देश्य की पूर्ति करता है। पहला, शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना, और दूसरा, उन परिवारों को सहारा देना जो कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह कदम न केवल मानवीय संवेदना का प्रतीक है बल्कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। समग्र रूप से देखा जाए तो पटना में आयोजित यह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह राज्य सरकार की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता को दर्शाता है। शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में लिपिक और परिचारी के रूप में नई नियुक्तियाँ होने से विद्यालयों का प्रबंधन और भी सुव्यवस्थित होगा। वहीं, नियुक्त अभ्यर्थियों के परिवारों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी। मुख्यमंत्री के शब्दों में, यह नौकरी वास्तव में सेवा का अवसर है, और यदि अभ्यर्थी इसे निष्ठा से निभाएंगे तो यह शिक्षा जगत के उत्थान में एक अहम कदम सिद्ध होगा। यह पूरा आयोजन इस बात का प्रतीक है कि सरकार केवल रोजगार ही नहीं दे रही, बल्कि कठिन परिस्थितियों में फंसे परिवारों को जीवन जीने का नया अवसर भी प्रदान कर रही है।

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