महाअष्टमी पर अगमकुआं शीतला मंदिर समेत मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे सीएम, महागौरी की पूजा कर लिया आशीर्वाद
पटना। शारदीय नवरात्रि के महाअष्टमी के पावन अवसर पर पटना का वातावरण धार्मिक आस्था और भक्ति से सराबोर हो गया। मंगलवार की सुबह से ही राजधानी के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। माता महागौरी के पूजन का विशेष महत्व होने के कारण भक्त बड़ी संख्या में शक्ति पीठों और देवी मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे। इस भक्ति-भाव से भरे माहौल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी भागीदारी निभाई और कई प्राचीन मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री का मंदिरों में आगमन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले अगमकुआं स्थित प्राचीन शीतला मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा की और माता का आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे क्रमशः बड़ी पटनदेवी, छोटी पटनदेवी और मारूफगंज की बड़ी देवी जी मंदिर पहुंचे। उनके साथ सुरक्षा कर्मियों की कड़ी व्यवस्था देखने को मिली, लेकिन इसके बावजूद आम श्रद्धालुओं में उत्साह की कमी नहीं थी। मंदिर कमेटियों और स्थानीय लोगों ने पारंपरिक तरीके से मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें माता की चुनरी तथा प्रसाद भेंट किया।
पूजा का महत्व और मुख्यमंत्री का संदेश
पूजा के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य की शांति, समृद्धि और विकास के लिए माता रानी का आशीर्वाद लेने आए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मां की कृपा से बिहार में सौहार्द और उन्नति का वातावरण कायम रहेगा। मुख्यमंत्री का यह संदेश वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बीच विश्वास और ऊर्जा का संचार करता नजर आया।
महागौरी की पूजा का महत्व
महाअष्टमी के दिन भक्तजन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महागौरी को असीम शक्ति, शांति और सौभाग्य प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। इस विश्वास के साथ हजारों लोग सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े होकर माता की आराधना करते दिखे। महाअष्टमी को नवरात्रि का विशेष दिन माना जाता है और इस दिन किए गए पूजन का अत्यधिक फलदायी महत्व बताया गया है।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले मंदिर
पटना सिटी के बड़ी पटनदेवी और छोटी पटनदेवी मंदिरों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। इन्हें शक्ति पीठों में गिना जाता है और नवरात्र में यहां विशेष उत्सव आयोजित होता है। मंदिरों में रंग-बिरंगी सजावट, रोशनी और भक्ति गीतों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। जगह-जगह भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दी। इस अवसर पर मंदिर परिसर में भक्तों का जोश देखने लायक था।
प्रशासन की व्यवस्था और सुरक्षा
भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने विशेष प्रबंध किए। सड़कों पर यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई। श्रद्धालुओं को बिना किसी असुविधा के दर्शन कराने के लिए सुरक्षाकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने लगातार निगरानी की।
जनता में उत्साह और आस्था
मुख्यमंत्री के मंदिरों में दर्शन करने से श्रद्धालुओं का उत्साह और भी बढ़ गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री का यह कदम उनकी गहरी आस्था और सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाता है। लोगों ने महसूस किया कि यह भागीदारी राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति मुख्यमंत्री की निष्ठा का प्रतीक है। महाअष्टमी का दिन पटना के लिए भक्ति और आस्था का अनूठा अनुभव लेकर आया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विभिन्न शक्ति पीठों में जाकर पूजा करना जहां धार्मिक वातावरण को और गहन बना गया, वहीं लोगों में नई श्रद्धा और ऊर्जा का संचार भी हुआ। इस अवसर ने यह संदेश दिया कि राजनीति और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को संजोना भी उतना ही आवश्यक है। महाअष्टमी का यह पर्व राजधानी में भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक सामंजस्य का अद्भुत संगम बनकर उभरा।


